सरकार नई दिल्ली रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास करेगी. इस पर 4926 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. इसके लिए कंपनियों से आवेदन मंगाए गए हैं जिसकी अंतिम तारीख 11 नवंबर 2020 है.
इसके बारे में नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी. अमिताभ कांत ने कहा कि रेलवे स्टेशन के विस्तार में शहरी विकास सचिव और वित्तीय मामलों के सचिव बड़ी भूमिका निभाएंगे. देश में रेलवे स्टेशनों के विस्तार के लिए कई कंपनियों से बात चल रही है. अमिताभ कांत ने बताया कि आने वाले वर्षों में देश में कम से कम 50 रेलवे स्टेशन बनाने की योजना है.
Request for quotation has already been floated & due date for applications is 7th Oct, 2020. Very confident that it'll bring in investments in India for modern techonology of Railways, from across the world: NITI Aayog CEO on Public-Pvt Partnership in passenger train operations pic.twitter.com/IyEh2QAgat
— ANI (@ANI) September 17, 2020
अमिताभ कांत ने बताया कि देश में रेलवे स्टेशनों के विकास में सरकार 1 लाख करोड़ रुपये निवेश कर सकती है. दिल्ली और मुंबई के अलावा देश के 8 स्टेशनों का पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर पुनर्विकास किया जाएगा. अमिताभ कांत ने यह भी बताया कि क्वॉलिटी ट्रेन सेवाएं, नई तकनीक और वैल्यू एडेड सेवाएं यूजर्स के अनुभव को बढ़ाएंगी. हालांकि इसके लिए यूजर्स को कुछ शुल्क देना होगा. यह शुल्क काफी कम होगा.
अमिताभ कांत ने बताया, देश के 7 हजार स्टेशनों में केवल 10-15 स्टेशन पर ही यह शुल्क लिया जाएगा. यह शुल्क ऐसा होगा जिसे हर कोई आसानी से चुका सकेगा. सरकार स्टेशनों का विकास करने के लिए वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर लगाने की तैयारी में है. इसी क्रम में गांधीनगर और हबीबगंज स्टेशन साल 2021 तक पूरी तरह तैयार हो जाएंगे.
अमिताभ ने कहा, यह देश में अपनी तरह की पहली पहल है, जहां भारतीय रेलवे के बुनियादी ढांचे का उपयोग करके निजी कंपनियां आधुनिक प्रौद्योगिकी के साथ सवारी रेलगाड़ियों का परिचालन करेंगी.