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कृषि कानूनों पर रोक के लिए तैयार हुई सरकार, प्रस्ताव पर 22 को जवाब देंगे किसान

कृषि मंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कुछ समय के लिए कृषि सुधार कानूनों को स्थगित किया है. सरकार 1-1.5 साल तक भी कानून के क्रियान्वयन को स्थगित करने के लिए तैयार है. इस दौरान किसान यूनियन और सरकार बात करें और समाधान ढूंढे.

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विज्ञान भवन में हुई 10वें दौर की बातचीत
विज्ञान भवन में हुई 10वें दौर की बातचीत
स्टोरी हाइलाइट्स
  • किसान संगठन-सरकार में 10वें दौर की वार्ता खत्म
  • 22 जनवरी को होने वाली बैठक में किसान देंगे जवाब
  • किसी भी सूरत में वापस नहीं होगा कानूनः कृषि मंत्री

किसान संगठन और सरकार के बीच बुधवार को 10वें दौर की बातचीत हुई. बैठक के दौरान सरकार ने किसानों को प्रस्ताव दिया कि जब तक रास्ता नहीं निकलता है तब तक एक निश्चित समय के लिए तीनोंं कृषि कानूनों पर रोक लगा दी जाए और एक कमेटी का गठन किया जाए, जिसमें सरकार और किसान दोनों हों. वहीं, सरकार के इस प्रस्ताव पर किसानों नेताओंं ने 22 जनवरी को होने वाली अगली बैठक में जवाब देने को कहा है. गुरुवार को किसान संगठन बैठक करेंगे.

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बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि आज हमारी कोशिश थी कि कोई निर्णय हो जाए. किसान यूनियन कानून वापसी की मांग पर थी और सरकार खुले मन से कानून के प्रावधान के अनुसार विचार करने और संशोधन करने के लिए तैयार थी.

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कुछ समय के लिए कृषि सुधार कानूनों को स्थगित किया है. सरकार 1-1.5 साल तक भी कानून के क्रियान्वयन को स्थगित करने के लिए तैयार है. इस दौरान किसान यूनियन और सरकार बात करें और समाधान ढूंढे. वहीं, किसान नेताओं ने कहा कि हम 500 किसान संगठन हैं. गुरुवार को हम सबसे चर्चा करके 22 जनवरी को अपना जवाब देंगे

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सूत्रों के मुताबिक, बैठक के दौरान कृषि मंत्री ने कहा था कि हम तीनों कानूनों पर आपके साथ बिंदुवार चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन सरकार किसी भी सूरत में तीनों कानून को वापस नहीं लेगी. कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार और किसान संगठनों के नेताओं की एक कमेटी बना देते हैं, जब तक बीच का रास्ता नहीं निकलेगा तब तक हम कानून को लागू नहीं करेंगे. सरकार ये एफिडेविट सुप्रीम कोर्ट में भी देने को तैयार हैं. 

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'NIA के टारगेट पर आंदोलनकारी किसान'

बैठक के दौरान किसानों ने कहा कि सरकार NIA का इस्तेमाल कर प्रदर्शन और समर्थन करने वाले लोगों को टारगेट कर रही है. वहीं, सरकार ने जवाब में कहा कि अगर कोई निर्दोष है तो उनकी लिस्ट दें, हम देखेंगे. किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा ने कहा कि वो एनआईए के सामने पेश नहीं होंगे, अगर उनका संगठन उन्हें कह देगा तो वो चले जाएंगे. सरकार एक ओर बात कर रही है और दूसरी तरफ इस तरह से हमपर दबाव बना रही है. बलदेव सिंह बोले कि उनके बैंक खाते बिल्कुल ठीक हैं, सरकार को पहले छानबीन करनी चाहिए थी फिर नोटिस भेजना था. हम अपनी ट्रैक्टर रैली निकाल रहे हैं.

'समय, संस्था और बातें वही हैं'

वहीं, लंच से पहले किसानों ने कहा कि बैठक का वेन्यू और मिनिस्टर्स वही हैं, बातें भी पुरानी हो रही हैं. इसका मतलब है कि एक राउंड बैठक और होनी है. पंजाब के किसानों ने कहा कि समय, संस्था और बातें वही हैं. एक और मीटिंग अब हो सकती है.

ट्रैक्टर रैली पर SC का दखल से इनकार

गणतंत्र दिवस पर किसानों द्वारा ट्रैक्टर रैली निकालने वाले मामले पर बुधवार को फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सर्वोच्च अदालत ने इस विवाद में दखल देने से इनकार किया और कहा कि दिल्ली पुलिस ही इस पर इजाजत दे सकती है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के द्वारा लगातार कमेटी पर उठ रहे सवालों पर नाराजगी व्यक्त की गई.

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