ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने अपने राज्य में रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए 5 बड़ी औद्योगिक परियोजनाओं को मंजूरी दी है. इन पांचों परियोजनाओं पर कुल 1,46,172 करोड़ रुपये की लागत आएगी.
दरअसल, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की अध्यक्षता में ओडिशा सरकार की हाई लेवल क्लीयरेंस अथॉरिटी ने राज्य में 26,959 से अधिक लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने वाले 5 प्रमुख निवेश प्रस्तावों को मंजूरी दी है. ओडिशा सरकार की मानें तो कोरोना संकट के बावजूद वित्त वर्ष 2020-21 में राज्य 2.96 लाख करोड़ रुपये का निवेश लाने में सफल रहा.
ओडिशा सरकार ने साल 2030 तक राज्य को देश का स्टील हब बनाने का लक्ष्य रखा है, और इसी दिशा इन पांच बड़े प्रोजेक्ट्स को हरी झंडी दी गई है. इन पांच औद्योगिक परियोजनाओं पर कुल 1,46,172 रुपये खर्च होंगे और राज्य में 26,959 रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है.
इन 5 औद्योगिक परियोजनाओं को मंजूरी:
भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड के एकीकृत स्टील प्लांट का 5 MMTPA से 15 MMTPA तक विस्तार किया जाएगा. यह प्लांट संबलपुर जिले के रेंगाली में स्थापित होंगे. जिसपर 55,000 करोड़ रुपये निवेश किये जाएंगे, और इससे 10,000 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा.
ओडिशा के अंगुल में स्थापित किए जाने वाले जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड के विस्तार पर 24,652 करोड़ रुपये खर्च होंगे. जिससे इस प्लांट की प्रस्तावित क्षमता को 18.6 एमटीपीए से बढ़ाकर 25.2 एमटीपीए तक किया जाएगा. इस प्रोजेक्ट से 1000 लोगों को रोजगार मिलने का अनुमान है.
इसके अलावा रुंगटा माइन्स लिमिटेड के विस्तार पर 11,001 करोड़ रुपये निवेश किया जाएगा. इससे 6,200 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा. जबकि क्योंझर के काराखेंद्र स्थित रुंगटा माइन्स लिमिटेड में 7,920 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा, जिससे 5,134 से अधिक लोगों के लिए रोजगार के संभावित अवसर पैदा होंगे.
ओडिशा सरकार की मानें तो इन पांचों प्रोजेक्ट्स में काम शुरू होते ही साल-2030 तक राज्य में 100 मीट्रिक टन स्टील हर साल बनने लगेगा. ओडिशा सरकार के मुताबिक स्टील उत्पादन के क्षेत्र में कई बड़े कदम उठाए गए हैं, जिसकी वजह से उत्पादन लगातार बढ़ा है. साल 2000 में केवल 2 मीट्रिक टन स्टील का उत्पादन होता था, जो साल 2020 में बढ़कर 20 मीट्रिक टन तक हो गया.