ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) के एक गांव में बुधवार को अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान कथित रूप से उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों पर अनधिकृत कब्जाधारियों ने हमला कर दिया. इसके बाद बाद स्थानीय पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (GNIDA) के अधिकारियों के साथ हुई झड़प में एक ग्रामीण घायल हो गया. ये अधिकारी स्थानीय पुलिस दल के साथ बिसरख थाना क्षेत्र के इटेहड़ा गांव गए थे.
एडिशनल डीसीपी (सेंट्रल नोएडा) हिरदेश कठेरिया ने बताया, "अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए इटेहड़ा गांव गई GNIDA टीम के साथ पर्याप्त संख्या में पुलिस दल भी था. GNIDA अधिकारियों ने बताया कि अवैध कॉलोनियों में रहने वालों ने अभियान का विरोध किया और उन पर पत्थर फेंके."
मामले में जांच शुरू...
हिरदेश कठेरिया ने कहा, "इस संबंध में आरोपी मेनपाल और अन्य की तरफ से भी शिकायत मिली है. एसीपी सेंट्रल नोएडा-2 मामले की जांच कर रहे हैं. गांव के इलाके में कानून-व्यवस्था कंट्रोल में है और आगे की कार्यवाही चल रही है."
GNIDA ने कहा कि उसने करीब 15 साल पहले गांव में जमीन, खास तौर पर खसरा नंबर 435 का अधिग्रहण किया था. ज्यादातर किसानों को मुआवजा मिल चुका है, जबकि जिन किसानों को मुआवजा नहीं मिला है, उनका मुआवजा जिला प्रशासन के पास जमा करा दिया गया है. नोटिस के बावजूद, कुछ अनधिकृत कब्जेदारों ने 1.68 हेक्टेयर जमीन के कुछ हिस्सों पर दुकानें बनाना जारी रखा.
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जीएनआईडीए ने कहा कि बुधवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के वर्क सर्किल 3 की एक टीम सुरक्षा कर्मियों और पुलिस के साथ अवैध ढांचों को ध्वस्त करने के लिए मौके पर पहुंची थी. जैसे ही कार्रवाई शुरू हुई, कब्जेदार अन्य लोगों के साथ मौके पर पहुंचे और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. उन्होंने प्राधिकरण की टीम पर पत्थरों से हमला किया, जिससे सुरक्षाकर्मी घायल हो गए. इस टकराव के दौरान, अनधिकृत कब्जेदारों में से एक भी घायल हो गया.
नाराज लोगों ने किया पुलिस स्टेशन पर प्रोटेस्ट
घटना से नाराज गांव के कई लोगों ने बाद में बिसरख पुलिस स्टेशन पर विरोध प्रदर्शन किया. अखिल भारतीय किसान सभा की लोकल यूनिट के अध्यक्ष रूपेश वर्मा ने कहा कि पुलिस द्वारा किए गए "लाठीचार्ज" में उनके किसान संघ के एक सदस्य को चोटें आईं. इसके साथ ही उन्होंने एफआईआर दर्ज करने और "दोषियों" के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.
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इस बीच, GNIDA के स्पेशल ड्यूटी ऑफिसर हिमांशु वर्मा ने कहा कि सरकारी अधिकारियों पर हमले की इस घटना के संबंध में बिसरख पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है.
एडिशनल सीईओ अन्नपूर्णा गर्ग ने कहा कि अथॉरिटी की अनुमति के बिना किसी को भी अधिसूचित या अधिग्रहित भूमि पर निर्माण करने की अनुमति नहीं है. उन्होंने चेतावनी दी कि भूमि पर अवैध रूप से कब्जा करने की किसी भी कोशिश का सख्त मुकाबला किया जाएगा.