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बचपन की फोटो अपलोड मामले में गुजरात HC का आदेश, गूगल से कहा- डिलीट न करें अकाउंट

देसाई ने तर्क दिया कि इंजीनियर का Google एकाउंट साल 2013 से एक्टिव है जिसमें फ़ोटो, ईमेल और व्यावसायिक लेनदेन सहित मूल्यवान डेटा भी मौजूद है. इसके अलावा, एकाउंट सस्पेंड होने की वज़ह से इंजीनियर को Google Pay का उपयोग भी नहीं कर पा रहा. इंजीनियर को 11 मई, 2023 को गूगल ने बताया था कि उनका एकाउंट ये फोटो अपलोड करने के कारण ब्लॉक कर दिया गया है .

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गूगल क्रोम
गूगल क्रोम

गुजरात हाईकोर्ट ने 2 अप्रैल को एक 24 वर्षीय इंजीनियर के मामले में हस्तक्षेप किया, जिसका Google अकाउंट लॉक हो गया था.. इंजीनियर ने नहाए जाने बाद की बचपन की तस्वीर अपलोड की थी जिसके बाद एकाउंट को "एक्सप्लीसीट कंटेट" के लिए लॉक किया गया था.

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न्यायमूर्ति वीडी नानावटी ने एक आदेश जारी कर गूगल को इंजीनियर का अकाउंट डिलीट करने से रोक लगाई है. इंजीनियर के वकील दीपेन देसाई ने अदालत को सूचित किया कि Google ने अप्रैल में एकाउंट डिलीट करने के बारे में बताया था. देसाई ने तर्क दिया कि इंजीनियर का Google एकाउंट साल 2013 से एक्टिव है जिसमें फ़ोटो, ईमेल और व्यावसायिक लेनदेन सहित मूल्यवान डेटा भी मौजूद है.

इसके अलावा, एकाउंट सस्पेंड होने की वज़ह से इंजीनियर को Google Pay का उपयोग भी नहीं कर पा रहा. इंजीनियर को 11 मई, 2023 को गूगल ने बताया था कि उनका एकाउंट ये फोटो अपलोड करने के कारण ब्लॉक कर दिया गया है , जिसे Google ने "एक्सप्लीसीट कंटेट" के रूप में चिह्नित किया था, क्योंकि उसमे बाल शोषण या यौन शोषण शामिल था.

अगस्त 2023 में Google को कानूनी नोटिस भेजने के बावजूद, इंजीनियर को कोई जवाब नहीं मिला.  उनकी याचिका के बाद, हाईकोर्ट ने 15 मार्च को Google को नोटिस जारी किया, लेकिन Google ने अभी तक जवाब नहीं दिया है. इंजीनियर की दलीलों को ध्यान में रखते हुए जस्टिस नानावटी ने गूगल को अकाउंट को स्थायी रूप से डिलीट न करने का निर्देश दिया.

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सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने अपनी गूगल ड्राइव में बिना कपड़ों के बचपन की एक फोटो अपलोड की थी. जिसमें उनकी दादी उनको नहला रही थीं. नील के मुताबिक जिसके बाद गूगल के AI ने उसे बाल शोषण से जुड़ी तस्वीर समझकर नील का अकाउंट ब्लाक कर दिया. नील साल भर अपना अकाउंट खुलवाने के लिए परेशान रहे लेकिन कोई हल नहीं मिला.

आखिर उन्हें थककर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा. जानकारी के मुताबिक नील के वकील दीपेन देसाई ने कोर्ट को बताया कि अकाउंट ब्लाक होने की वजह से नील साल भर अपना ईमेल इस्तेमाल नहीं कर पाए. जिसकी वजह से उनके बिजनेस को भी काफी नुकसान हुआ. ईमेल न चला पाना नील के लिए काफी मुश्किल भरा था क्योंकि एक कंप्यूटर इंजीनियर के तौर पर उनका ज्यादातर कम्युनिकेशन का काम इंटरनेट के जरिए ही होता था.

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