Gujarat Morbi bridge collapse: गुजरात के मोरबी ब्रिज हादसे में अब तक 135 लोगों की मौत हो चुकी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मोरबी पहुंच गए हैं. बताया जा रहा है कि वे अस्पताल में घायलों से भी मुलाकात करेंगे. इससे पहले पीएम मोदी ने सोमवार को मोरबी में स्थिति की समीक्षा के लिए उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. इस दौरान पीएम मोदी ने मोरबी में चल रहे रेस्क्यू अभियान के बारे में भी जानकारी ली. उधर, मंगलवार सुबह भारतीय नेवी और एनडीआरएफ की टीमों ने रेस्क्यू अभियान फिर से शुरू कर दिया. अभी भी कुछ लोग लापता बताए जा रहे हैं.
पीएम नरेंद्र मोदी ने मोरबी हादसे पर हाई लेवल मीटिंग की है. उस मीटिंग में उनकी तरफ से अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि इस मामले की एक विस्तृत जांच होनी चाहिए. समझने का प्रयास होना चाहिए कि ये हादसा कैसे हुआ.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोरबी हादसे के पीड़ितों से मुलाकात की है. उन्होंने अस्पताल जा सभी पीड़ितों का हालचाल जाना है. इस हादसे में 135 लोगों की मौत हुई और कई घायल हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोरबी हादसे के पीड़ितों से मिलने से पहले उन अधिकारियों से मुलाकात की है जिन्होंने कई घंटों तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया. पीएम की उस मुलाकात की तस्वीरें भी सामने आई हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला अस्पताल पहुंच गया है. सिविल अस्पताल में पीएम मोदी मोरबी हादसे के घायलों से मुलाकात करने वाले हैं. इससे पहले उनकी तरफ से घटनास्थल का मुआयना भी किया गया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोरबी हादसे का घटनास्थल पर जा मुआयना कर लिया है. अब उनका काफिला अस्पताल के लिए निकल गया है. वे वहां जा घायलों से मुलाकात करने वाले हैं.
मोरबी हादसा: PM मोदी के पहुंचने से पहले कपड़े से ढके गए OREVA कंपनी के बोर्ड
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोरबी हादसे वाली जगह पहुंच गए हैं. वे घटनास्थल का मुआयना कर रहे हैं. अब प्रशासन ने पीएम के पहुंचने से पहले ही घटनास्थल पर लगा ओरेवा कंपनी का एक बोर्ड ढक दिया है. असल में ओवेरा वो कंपनी है जिसने इस मोरबी ब्रिज का रिनोवेशन किया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोरबी में हादसे वाली जगह पहुंच गए हैं. वे अधिकारियों से बात कर घटनास्थल का मुआयना कर रहे हैं. कुछ देर में वे अस्पताल जा हादसे में घायल हुए लोगों से भी मुलाकात करेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोरबी पहुंच गए हैं. वे कुछ देर में मोरबी हादसे के घायलों से अस्पताल में मुलाकात करने वाले हैं. इस हादसे में 135 लोगों ने अपनी जान गंवाई है. कई घायल भी बताए जा रहे हैं.
मोरबी हादसे में अब तक 135 लोगों की मौत हुई है. गुजरात सरकार के मुताबिक, 17 लोगों का अभी भी इलाज चल रहा है. 2 लोग अभी भी लापता हैं. सर्च और रेस्क्यू अभियान जारी है. सरकार के मुताबिक, 134 मृतकों के परिवारों को 4-4 लाख रुपए की आर्थिक मदद दी जा चुकी है. मरने वालों में से एक पश्चिम बंगाल का है. ऐसे में कागजी कार्रवाई जारी है.
पीएम मोदी मोरबी ब्रिज घटनास्थल पर 3.45 बजे पहुंचेंगे. वे 4 बजे मोरबी सिविल अस्पताल जाएंगे और घायलों से मुलाकात करेंगे. 4.15 बजे वे एसपी ऑफिस में अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे.
#WATCH | Gujarat: Visuals from the site of the incident where a bridge collapsed in Morbi leaving 134 dead, as per the last updated death toll.
— ANI (@ANI) November 1, 2022
The search and rescue operations resumed at the spot this morning. #MorbiBridgeTragedy pic.twitter.com/cfNgsPM2hc
मोरबी हादसे को लेकर गुजरात सरकार ने 2 नवंबर को राजकीय शोक का ऐलान किया है. पीएम मोदी के साथ बैठक के बाद गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल ने ये ऐलान किया. इस बैठक में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी, गुजरात के मुख्य सचिव, डीजीपी समेत तमाम बड़े अधिकारी मौजूद थे. भूपेंद्र पटेल ने ट्वीट कर कहा, पीएम मोदी की अध्यक्षता में गांधीनगर में राजभवन में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई. इस बैठक में मोरबी पुल हादसे में मृतकों के लिए 2 नवंबर को गुजरात में राजकीय शोक मनाने का फैसला किया गया. राजकीय शोक के चलते सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और कोई समारोह या अन्य कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा.
ब्रिज हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को मौके पर पहुंच सकते हैं. पीएम के संभावित दौरे को लेकर प्रशासन भी एक्टिव हो गया है. इस बीच, कुछ तस्वीरें सामने आई हैं, जिसके बाद विपक्षी दल खासतौर पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने सरकार को निशाने पर ले लिया है. कांग्रेस ने इसे इवेंटबाजी कहा है तो आप ने फोटोशूट की तैयारियां बताकर तंज कसा है. मोरबी में AAP के प्रत्याशी पंकज भाई राणसरिया ने अस्पताल में पहुंच कर काम को बंद करवाया है.
गुजरात के मोरबी में रविवार शाम करीब 6.30 बजे मच्छु नदी पर बना पुल टूट गया था. जब यह हादसा हुआ, उस वक्त पुल पर करीब 300-400 लोग मौजूद थे. हादसे में अब तक 134 लोगों की मौत हो गई. रेस्क्यू अभियान अभी भी जारी है. इस हादसे के बाद प्रशासन और ब्रिज का मैनेजमेंट करने वाली कंपनी पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. बताया जा रहा है कि पुल की क्षमता सिर्फ 100 थी, जबकि हादसे के वक्त पुल पर 300-400 लोग थे. भारी भीड़ के चलते पुल टूट गया.