गुजरात यूनिवर्सिटी (Gujarat University) के छात्रावास में नमाज के मामले को लेकर हुए विवाद के बाद विदेशी छात्रों पर कार्रवाई की गई है. गैरकानूनी रूप से रहने के आरोप में 7 विदेशी स्टूडेंट्स को निकाल दिया गया है. वो छात्र अब पूर्व छात्र की कैटेगरी में आ चुके हैं, इस बात की जानकारी अफगानिस्तान कॉन्सुलेट को देकर गुजरात यूनिवर्सिटी ने उन्हें वापस अपने देश लौटने की व्यवस्था की है.
अफगानिस्तान के कॉन्सुलेट ने एग्जाम सहित सारे काम खत्म कर देश लौटने को कहा है. गुजरात यूनिवर्सिटी में कुल 150 विदेशी स्टूडेंट्स पढ़ाई करते हैं. पेपर और स्टैम्पिंग जैसे कारणों का हवाला देते हुए गुजरात यूनिवर्सिटी के विदेशी छात्रावास में गैरकानूनी तरीके से रहने को लेकर कार्यवाही की जा रही है.
पूर्व स्टूडेंट्स को छात्रावास में रहने की अनुमति नहीं होती: कुलपति
गुजरात यूनिवर्सिटी के कुलपति नीरजा गुप्ता ने कहा कि जो भी विदेशी स्टूडेंट्स विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रहे हैं, उनका अच्छे से ख्याल रखा जाता है. लेकिन सात स्टूडेंट्स लंबे वक्त से अलग-अलग वजह बताकर यूनिवर्सिटी के छात्रावास में रहने की कोशिश कर रहे हैं. ये ऐसे स्टूडेंट्स हैं, जो अब पूर्व स्टूडेंट्स की कैटेगरी में शामिल हैं और नियम के मुताबिक उन्हें यूनिवर्सिटी के छात्रावास में रहने के अनुमति नहीं दी जा सकती, जिसकी वजह से हमने उन्हें अपने देश में लौटने के लिए आदेश दे रहे हैं. इस बात की जानकारी उनके कॉन्सुलेट को दे दी गई है.
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हॉस्टल में नमाज पढ़ने को लेकर हुआ था विवाद
गुजरात यूनिवर्सिटी में पिछले महीने हॉस्टल में नमाज पढ़ने को लेकर विदेशी छात्रों के साथ मारपीट करने का मामला सामने आया था. इसके बाद राज्य सरकार ने अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई का आदेश दिया था. पुलिस कमिश्नर ने विवाद के कारणों का खुलासा करते हुए कहा था कि कैंपस में ये झगड़ा नमाज पढ़ने को लेकर शुरू हुआ था. उन्होंने कहा, 'हॉस्टल के A ब्लॉक में 75 विदेशी विद्यार्थी रहते हैं. रात को 10.30 बजे हॉस्टल कैंपस में नमाज पढ़ रहे थे, तभी 25 लोग बाहर से आए और उन्हें नमाज पढ़ने से रोकने लगे. इसी बात को लेकर झगड़ा और तोड़फोड़ शुरू हो गई.' जानकारी के मुताबिक रमजान में रात के समय A ब्लॉक में तरावीह के दौरान सामने B ब्लॉक से तीन छात्रों ने आकर इसका विरोध किया था लेकिन उसके बाद वहां भीड़ पहुंच गई और हमला शुरू कर दिया.