गुजरात में कोरोना के मामले तेजी से घटते हुए दिखाई दे रहे हैं. अहमदाबाद राजकोट जैसे शहरों में जहां लोगों को अस्पताल में एडमिट होने के लिए घंटो एंबुलेंस की लाइन में खड़े रहना पड़ता था, वहीं अब अस्पतालों के लिए यह लाइन नहीं देखने को मिल रही है.
कोरोना की इस दूसरी लहर में जहां अस्पतालों के बाहर मरीजों के एडमिट होने के लिए लंबी-लंबी कतारें देखी जा रही थीं. वो अब कम होती नजर आ रही हैं. कई मरीज ऐसे थे, जिन्हे भर्ती करने के लिए रिश्तेदार, एम्बुलेंस में 20 से 24 घंटे तक इंतजार कर रहे थे. वहीं शुक्रवार को एक अच्छी खबर और तस्वीर देखने को मिली है.
अहमदाबाद, राजकोट, सूरत, वडोदरा जैसे बड़े शहरों में सरकारी कोविड अस्पताल के बाहर अब लाइन नहीं दिखी हैं. पिछले करीब 15 दिनों से लग रही एंबुलेंस की लंबी लाइन अब खत्म होती नजर आ रही है. एंबुलेंस आते ही मरीज को अस्पताल में एडमिट कर दिया जाता है.
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दरअसल इसके पीछे की वजह लोगों का खुद ही लॉकडाउन को मानते हुए अपने घरों में रहना भी माना जा रहा है. राज्य में पिछले दो दिनों में कोरोना मरीजों की तादाद में भी कटौती हुई हैं. पिछले दो दिनों के गुजरात के आंकड़ों को देखा जाए तो 24 घंटे में पॉजिटिव आने वाले मरीजों से ज्यादा तादाद रिकवरी होने वाले मरीजों की हैं. गुजरात में पिछले 24 घंटे में 12545 कोरोना के नये मामले दर्ज किए गये तो वहीं रिकवरी की बात करे तो 13021 लोगों की रिकवरी हुई हैं. यानी नये आने वाले मरीजों से ज्यादा अब रिकवरी रेट होने की वजह से अस्पतालों पर भी प्रेशर कम हो रहा है.
राजकोट सिविल अस्पताल की बात करें तो पिछले कुछ दिनों से यहां के सिविल अस्पताल में मरीजों के आने का सिलसिला लगातार जारी था. हालात ये थे कि अस्पताल से एक किमी लम्बी लाइन, अस्पताल में भर्ती होने के लिए आने वाले मरीजों की लगती थी. लेकिन अब वो लाइन भी नहीं देखने को मिली है.
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अहमदाबाद सिविल अस्पताल के असिस्टेंट सुप्रिटेंडेंट राकेश जोशी के मुताबिक ये लाइन पिछले 24 घंटे से नहीं है. आम तौर पर मरीज के रिकवरी में 14 दिन लगते हैं. ऐसे में अब जब सबसे ज्यादा मरीजों आना शुरू हुए थे, वो मरीज ठीक होकर अब डिस्चार्ज होने लगे हैं. जिस वजह से भी अब आने वाले मरीज के सामने डिस्चार्ज मरीज की तादाद भी ज्यादा है.
वहीं डॉक्टर राजकेश जोशी यह भी कहते हैं कि पिछले 20 दिनों से लगातार गुजरात में ज्यादा से ज्यादा केस सामने आ रहे थे, वहीं अब गुजरात के मेडिसीट में ही धीरे धीरे केस आना कम हुए हैं. पहले जहां रोजोना 350 से 450 लोग अस्पताल में भर्ती हो रहे थे, वहीं आज 275 से 250 तक मरीजों की तादाद पहुंच चुकी है. सामने मरीज डिस्चार्ज भी हो रहे है, जिस वजह से अब लाइन नहीं होती हैं.