गुरुग्राम के होटल में मॉडल दिव्या पाहुजा के साथ जब होटल मालिक अभिजीत सिंह रिसेप्शन पर पहुंचा था, उस समय अभिजीत के साथ एक व्यक्ति और था. वह बालों की चोटी बनाए हुए था. पुलिस का कहना है कि वो अभिजीत का खासमखास बलराज गिल है. बलराज सीसीटीवी में अभिजीत के साथ दिख रहा है.
पुलिस के अनुसार, बलराज गिल मोहाली का रहने वाला है. वह दिव्या पाहुजा के शव को बीएमडब्ल्यू में डालकर ठिकाने लगाने के मसकद से फरार हो गया था. डीसीपी क्राइम ने बताया कि अभिजीत ने हत्या के बाद बलराज गिल को दिल्ली साउथ एक्स से गुरुग्राम बुलाया था, जबकि 2 जनवरी की सुबह जब अभिजीत सिंह दिव्या पाहुजा के साथ the City point होटल में पहुंचा तो उस समय बलराज गिल अभिजीत और दिव्या पाहुजा के साथ मौजूद था.
अब इस मर्डर मिस्ट्री में बड़ा सवाल यह भी है कि जब बलराज गिल पहले से होटल में मौजूद था तो पुलिस की कहानी में बलराज गिल कहीं नजर क्यों नहीं आ रहा है. दिव्या पाहुजा हत्याकांड में अब एसआईटी गठित कर दी गई है. अब एसआईटी इस हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने के साथ-साथ दिव्या के शव को तलाशने व फरार आरोपी बलराज और रवि बंगा का भी पता लगाएगी.
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पुलिस का कहना है कि दिव्या की हत्या का मुख्य आरोपी अभिजीत सिंह और उसके साथी हेमराज व ओम प्रकाश को गिरफ्तार कर लिया था. उस कार को भी पंजाब के पटियाला से बरामद कर लिया गया है, जिस में दिव्या के शव को होटल सिटी पॉइंट से ले जाया गया था.
पुलिस ने बीएमडब्ल्यू तो पटियाला के बस स्टैंड से बरामद कर ली, लेकिन कार को पटियाला तक ले जाने वाले बलराज और रवि बंगा का कोई सुराग नहीं मिल सका है. हत्या के चार दिन बाद भी पुलिस दिव्या पाहुजा के शव का कोई सुराग नहीं लगा सकी है.
डीसीपी विजय प्रताप करेंगे एसआईटी का नेतृत्व
इसी को लेकर पुलिस ने एसआईटी का गठन किया है. एसआईटी का नेतृत्व डीसीपी विजय प्रताप करेंगे. 5 सदस्यीय टीम इस हत्याकांड की गुत्थी कब तक सुलझा पाती है और दिव्या के शव को कब तक बरामद कर पाती है, यह तो समय ही बताएगा.
सूत्रों ने बताया कि सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और कमरा नंबर 114 की जांच करके लौट आई, जबकि दिव्या का शव कमरा नंबर 111 में पड़ा हुआ था. इसी का फायदा उठाते हुए होटल मालिक अभिजीत सिंह ने अपने दोस्तों बलराज गिल और रवि से शव को ठिकाने लगाने के लिए कहा. सीसीटीवी फुटेज में अभिजीत को दिव्या का शव बीएमडब्ल्यू कार में रखकर होटल से भागते देखा जा सकता है.
इसके बाद रात में 11 बजे अनूप ने दोबारा पुलिस को कॉल किया. इस पर पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया. पुलिस मौके पर पहुंची और सीसीटीवी फुटेज की जांच की, जिसके बाद हत्या का खुलासा हुआ, लेकिन तब तक आरोपी शव लेकर भाग चुके थे.
चादर में लाश को लपेटकर घसीटते दिखा था आरोपी
पुलिस ने कहा था कि फुटेज में अभिजीत अपने साथियों के साथ दिव्या के शव को सफेद चादर में लपेटकर होटल की लॉबी से कार तक ले जाता दिखा है. गुरुग्राम पुलिस ने कहा कि बीएमडब्ल्यू कार पंजाब के पटियाला में एक बस स्टैंड पर मिली है. हालांकि अभी शव बरामद नहीं हुआ है.
पुलिस ने कहा कि अब तक अभिजीत, हेमराज और ओमप्रकाश को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि बलराज गिल समेत दो अन्य आरोपी अभी भी फरार हैं. उनकी तलाश की जा रही है.
इन पहलुओं पर जांच कर रही पुलिस
दिव्या की मौत के मामले में पुलिस तीन पहलुओं पर जांच कर रही है. इनमें ब्लैकमेलिंग, गैंगस्टर गाडोली के परिवार की भूमिका और गुज्जर की संलिप्तता का पता लगा रही है. डीसीपी क्राइम ने कहा कि अभिजीत सिंह द्वारा किए गए खुलासों की पुष्टि की जा रही है. उससे दिव्या के बारे में भी पूछताछ की जा रही है. अभिजीत का दावा है कि उसने दिव्या की हत्या कर दी, क्योंकि वह उसे ब्लैकमेल कर रही थी.
डीसीपी ने कहा कि हम हेमराज और ओम प्रकाश से भी पूछताछ कर रहे हैं और 2 जनवरी को हुई घटना के पूरे क्रम को जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. दिव्या के मोबाइल को भी जांच के लिए लैब भेजा गया है. हमारी टीमें संदिग्ध स्थानों पर छापेमारी कर रही हैं. उम्मीद है कि शव जल्द बरामद कर लिया जाएगा.
फरवरी 2016 में फर्जी एनकाउंटर में मारा गया था संदीप गाडोली
6 फरवरी 2016 को मुंबई के एक होटल में गुरुग्राम के गैंगस्टर संदीप गाडोली को गोली मार दी गई थी. उस समय दिव्या पाहुजा भी संदीप के साथ मौजूद थी. इस मामले में मुंबई पुलिस ने कहा था कि संदीप गाडोली को उसकी गर्लफ्रेंड दिव्या पाहुजा की मदद से जाल में फंसाया गया और फर्जी मुठभेड़ में मार दिया गया.
बिंदर गुज्जर और संदीप गाडोली के बीच थी दुश्मनी
वीरेंद्र कुमार उर्फ बिंदर गुज्जर और गैंगस्टर संदीप गाडोली के बीच दुश्मनी थी. कहा जा रहा है कि संदीप गाडोली को खत्म करने के लिए हरियाणा पुलिस के साथ बिंदर गुज्जर ने साजिश रची थी. जब संदीप गाडोली मुंबई में मारा गया, उस समय गुज्जर जेल में था, लेकिन उसने अपने भाई मनोज की मदद से साजिश रची और दिव्या को ट्रैप में फंसा लिया था.
इस मामले में पांच पुलिस कर्मियों के साथ ही दिव्या, दिव्या की मां और अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. बॉम्बे हाई कोर्ट ने दिव्या को गिरफ्तार होने के करीब सात साल बाद पिछले साल जून में जमानत दे दी थी. (PTI)