खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश के आरोप में अमेरिका के FBI द्वारा वांटेड विकास यादव को दस महीने पहले गिरफ्तार किया गया था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उन्हें हत्या और अपरहण के मामले में अरेस्ट किया था. दिल्ली के एक व्यापारी ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत में उनपर लॉरेंस बिश्नोई गैंग के साथ शामिल होने का भी आरोप लगाया गया था.
व्यापारी की शिकायत के मुताबिक, नवंबर 2023 में उनकी मुलाकात विकास से हुई थी, जिसने खुदको एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी बताया था. विकास ने व्यापारी के साथ दोस्ती बढ़ाई, और बताया कि वह एक अंडरकवर एजेंट है लेकिन अपने काम के बारे में ज्यादा कुछ जानकारी शेयर नहीं की थी. व्यापारी ने बताया था कि विकास से दोस्ती बढ़ने के साथ ही दोनों ने नंबर भी एक्सचेंज किए थे.
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लॉरेंस बिश्नोई ने दिया था किलिंग कॉन्ट्रेक्ट
व्यापारी ने आरोप लगाया कि विकास ने उसे बताया कि कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने उसकी हत्या का कॉन्ट्रेक्ट दिया था. शिकायत के मुताबिक, विकास बाद में व्यापारी को उसके कैफे ले गया और उसका पूरा कैश ले लिया. व्यापारी ने शिकायत में दिल्ली पुलिस को बताया था कि विकास ने उसे धमकियां दी और पुलिस में शिकायत करने पर बुरा अंजाम भुगतने की चेतावनी दी थी.
विकास पर दर्ज किया गया हत्या की कोशिश का केस
कुछ समय बाद पुलिस ने अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया और उनके खिलाफ अपहरण, आपराधिक साजिश और हत्या की कोशिश का मामला दर्ज किया गया. पूछताछ के दौरान विकास के साथी ने बताया था कि उसे पुरानी गाड़ी बेचने वाली बिजनेस में भारी नुकसान हुआ था. विकास ने दावा किया था कि उनके पिता ने बीएसएप में सेवा दी और 2007 में उनकी मृत्यु हुई थी, और पैसे के लिए व्यापारी को टार्गेट करने का आरोप कबूल किया था.
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अमेरिका द्वारा वांटेड है विकास यादव
उधर, अमेरिका ने विकास यादव को पन्नू हत्याकांड मामले में सह-साजिशकर्ता के रूप में नामित किया और उन पर 'मर्डर-फॉर-हायर' और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया है. अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, विकास भारतीय RAW के अधिकारी थे. विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया कि अमेरिका द्वारा जिसका नाम लिया जा रहा है वो भारत सरकार में काम नहीं करते हैं.