Gyanvapi Masjid Shivlinga Varanasi Court Order: वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के परिसर में शिवलिंग मिलने के दावे के बाद माहौल गर्म हो गया है. हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने परिसर में शिवलिंग मिलने का दावा किया है. हालांकि, मुस्लिम पक्ष का कहना है कि जिसे शिवलिंग बताया जा रहा है, वो असल में फव्वारा है और हर मस्जिद में होता है.
हिंदू पक्ष की ओर से शिवलिंग मिलने का दावा होने के बाद वाराणसी कोर्ट ने मस्जिद परिसर में कई तरह की पाबंदियां लगा दी हैं. वाराणसी कोर्ट के सिविल जज (सीनियर डिविजन) रवि कुमार दिवाकर ने एक आदेश पास किया. उन्होंने मस्जिद परिसर को तुरंत सील करने का आदेश दिया.
अदालत ने कहा कि हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन ने मस्जिद परिसर में शिवलिंग मिलने की बात कही है. ये बेहद महत्वपूर्ण सबूत है. इसलिए इसे तुरंत सील कर दिया जाए. कोर्ट ने अपने आदेश में शिवलिंग, नमाज और वजू पर पाबंदियों को लेकर क्या-क्या कहा? जानते हैं...
- शिवलिंग परः जिस जगह पर शिवलिंग मिला है, उसे तुरंत सील कर दिया जाए. वहां किसी भी व्यक्ति को जाने न दिया जाए. जिस जगह को सील किया गया है, उसको सुरक्षित और संरक्षित रखने की पूरी जिम्मेदारी सीआरपीएफ अधिकारियों की होगी. इसके सुपरविजन की जिम्मेदारी डीजीपी की होगी.
- नमाज और वजू परः सील की गई जगह पर मुसलमानों को न जाने दिया जाए. सिर्फ 20 मुसलमानों को नमाज पढ़ने की अनुमति हो. उन्हें वजू करने से भी तत्काल रोक दिया जाए.
ये भी पढ़ें-- ज्ञानवापी मस्जिद विवाद: हिंदू पक्ष ने किया शिवलिंग होने का दावा, तस्वीरें आईं सामने
हरिशंकर जैन ने की थी तीन मांग
- मस्जिद परिसर में शिवलिंग मिलने के बाद हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन ने अदालत में एक प्रार्थना पत्र दायर कर तीन मांगें की थीं. उनकी तीन मांगे थीं...
1. जहां शिवलिंग मिला है, उस जगह को सील करने का आदेश तुरंत सीआरपीएफ कमांडेंट को दिया जाए. वजूखाना में सुरक्षाबलों की तैनाती हो.
2. मुस्लिमों की एंट्री पर रोक लगाने के लिए जिला कलेक्टर को आदेश दिया जाए. एक बार में सिर्फ 20 मुस्लिमों को ही नमाज पढ़ने की अनुमति हो.
3. वजूखाना के इस्तेमाल पर तुरंत रोक लगाई जाए.
ये भी पढ़ें-- पुराना वीडियो, नया सवाल... ज्ञानवापी में शिवलिंग या फव्वारे पर क्या हैं दावे? किस पक्ष की क्या हैं दलीलें
अब आगे क्या होगा?
- वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के परिसर में तीन दिन तक सर्वे हुआ था. ये सर्वे 14 से 16 मई तक हुआ. तीन दिन के सर्वे के बाद कमीशन को अपनी रिपोर्ट 17 मई को अदालत में पेश करनी थी. हालांकि, ये रिपोर्ट आज पेश होने की उम्मीद नहीं है.
- असिस्टेंट एडवोकेट कमिश्नर अजय प्रताप सिंह ने न्यूज एजेंसी को बताया कि अदालत के आदेश पर तीन दिन तक सर्वे हुआ और इसकी रिपोर्ट जमा करनी थी, लेकिन रिपोर्ट अब तक तैयार नहीं हुई है, इसलिए आज इसे सब्मिट नहीं किया जा सकता.
- उन्होंने बताया कि रिपोर्ट सब्मिट करने के लिए अदालत से और समय की मांग की जाएगी. कोर्ट हमें जिस दिन का समय देगी, उस दिन रिपोर्ट को सब्मिट कर दिया जाएगा.