गंजेपन का इलाज करवाने पहुंचे, लेकिन अस्पताल के बिस्तर पर आंखों पर पट्टी बांधे पड़े रहे. यह किसी फिल्मी कहानी का सीन नहीं, बल्कि हकीकत है. पंजाब के संगरूर में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने हर किसी को चौंका दिया है. गंजेपन से परेशान लोगों के लिए एक 'चमत्कारी' इलाज कैंप लगाया गया, जहां दावा किया गया था कि कुछ ही दिनों में सिर पर घने बाल आ जाएंगे. लेकिन हुआ इसका उल्टा. बाल तो दूर, लोगों की आंखों में इतनी जलन होने लगी कि उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा.
अगर आपको यह किस्सा मेरठ की किसी पुरानी खबर की याद दिला रहा हो, तो यह महज इत्तेफाक नहीं है. मेरठ में भी कुछ समय पहले इसी तरह का एक मामला सामने आया था, जहां गंजेपन की दवा लगाने के लिए भीड़ जुट गई थी. अब वैसा ही कांड संगरूर में देखने को मिला है.
संगरूर की काली देवी मंदिर में यह कैंप लगाया गया था, जिसमें सैकड़ों लोग पहुंचे थे. कैंप का सोशल मीडिया पर जबरदस्त प्रचार किया गया था, जिसमें दावा किया गया था कि इस चमत्कारी दवा से बाल झड़ना बंद हो जाएंगे और नए बाल उग आएंगे. लेकिन जैसे ही इस दवा को सिर पर लगाया गया, लोगों की आंखों में जलन शुरू हो गई. देखते ही देखते हालात इतने बिगड़ गए कि 65 से ज्यादा लोग अस्पताल पहुंच गए, और कुछ को प्राइवेट क्लीनिक में भी इलाज कराना पड़ा.
अब इस मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. संगरूर पुलिस स्टेशन में डॉक्टर अमनदीप सिंह और तजिंदर पाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने जांच में तेजी ला दी है और प्रशासन ने भी कैंप लगाने वालों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है.
सिविल अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि अब तक 65 से ज्यादा लोग आंखों में जलन और सूजन की समस्या लेकर आ चुके हैं. इनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है. सिविल सर्जन संजय कैमरा ने बताया कि इस मामले में मेडिकल जांच की जा रही है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी.
बता दें कि इससे पहले दिसंबर 2024 में उत्तर प्रदेश के मेरठ में इसी तरह 20 रुपये में बाल उगाने की दवा सिर पर लगवाने के लिए भीड़ इकट्ठी हो गई थी. बाल झड़ने से रोकने में हर जतन करने के बाद नाकाम रहे लोग यहां लाइन में लग गए थे. उन्हें यकीन था कि 20 रुपये की दवा सिर में लगवाकर और 300 रुपये का तेल खरीदकर लगाएंगे तो सिर पर बाल उग आएंगे. पहले तो ऐसे ही लाइन में लगाकर सिर पर दवा लगाई जा रही थी, लेकिन भीड़ इतनी हो गई कि भगदड़ जैसी स्थिति से बचने के लिए लोगों को टोकन देकर लाइन में लगवाया गया था. पुलिस ने बिना जानकारी लोगों की भीड़ जुटाने की शिकायत पर दवा बांटने वालों को हिरासत में ले लिया था.