आजतक के खास शो 'हल्ला बोल' में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के ऐलान पर AAP नेता आतिशी से पूछा गया कि अगर इस्तीफा नैतिकता के आधार पर देना होता तो यह 177 दिन पहले जेल जाते वक्त दे देना चाहिए था. तब आपमें से किसी को सीएम बनाते तो समझ में आता कि कुर्सी से मोह नहीं है लेकिन अब जब वो चुनाव की मांग कर रहे हैं तब वो अपनी जगह किसी डमी सीएम को बिठाना चाहते हैं, ये नैतिकता कैसे हुई? जवाब में उन्होंने कहा कि केजरीवाल को दिल्ली की जनता से फैसला चाहिए. उनमें सीएम की कुर्सी पर बैठने की कोई इच्छा नहीं है.
दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने कहा, 'अनैतिक तो वो है जो भाजपा कर रही है. जो एक-एक करके सभी विपक्षी पार्टियों और उनकी सरकारों को खत्म करना चाहती है. जो ईडी और सीबीआई को अपना राजनीतिक हथियार बनाकर पार्टियां तोड़ रही है, उनके सिंबल छीन रही है और सरकारें गिरा रही है. जो ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल करके महाराष्ट्र में सरकार बनाती है, कर्नाटक में सरकार बनाती है, मध्य प्रदेश में सरकार बनाती है, मणिपुर में सरकार बनाती है, अरुणाचल प्रदेश में सरकार बनाती है.'
'सुप्रीम कोर्ट को करनी पड़ी टिप्पणी'
उन्होंने कहा, 'अनैतिक ये है कि जिस तरह सुप्रीम कोर्ट को टिप्पणी करनी पड़ी कि ईडी और सीबीआई पिजरे में बंद एक तोते की तरह है और उन्हें स्वतंत्र होना पड़ेगा. भाजपा के सारे कृत्य अनैतिक रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को पीएमएलए जैसे सख्त कानून में जमानत दे दी. आज अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफा इसलिए दिया है क्योंकि उनका अपना दर्द है.'
'... तो दर्द तो होता ही है'
आतिशी ने कहा, 'एक ऐसा आदमी जो अपनी इनकम टैक्स की नौकरी छोड़कर दिल्ली की झु्ग्गियों में काम करता है, दिल्ली के लोगों के लिए काम करता है, जो अपने स्वास्थ्य को दांव पर लगाकर दिल्ली में फ्री बिजली, फ्री पानी दे रहा है, स्कूल दे रहा है, अस्पताल दे रहा है. जब ऐसे आदमी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगता है तो उसे दर्द तो होता ही है.'
'केजरीवाल को दिल्ली की जनता से फैसला चाहिए'
उन्होंने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट ने तो जमानत का फैसला दे दिया लेकिन अरविंद केजरीवाल को अगर फैसला चाहिए तो दिल्ली के लोगों से चाहिए. उन लोगों से चाहिए जिनके लिए उन्होंने दिन-रात 10 साल काम किया है. तो अगर दिल्ली की जनता ये सोचती है कि अरविंद केजरीवाल ईमानदार हैं... तभी वो अपनी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठेंगे. वरना उनमें दिल्ली के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने की कोई इच्छा नहीं है. यही उन्होंने कहा है.'
यहां देखें आजतक का खास शो 'हल्ला बोल'