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हरिद्वार: 'धर्म संसद' भड़काऊ भाषण मामले में पुलिस का एक्शन, FIR में जोड़े गए 2 और नाम

Haridwar hate speech case: हरिद्वार में हाल ही में आयोजित हुई तीन दिवसीय धर्म संसद को लेकर विवाद जारी है. इस कार्यक्रम में अल्पसंख्यकों को लेकर काफी बातें कही गईं जिसे लेकर पूरे देश में एक विवाद ने जन्म ले लिया है.

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एफआईआर दर्ज करने से संतों में आक्रोश.
एफआईआर दर्ज करने से संतों में आक्रोश.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • गुलबहार खान की तहरीर पर FIR
  • जितेंद्र नारायण त्यागी नामजद
  • बहुसंख्यकों के साथ हो रहा भेदभाव: संत

उत्तराखंड के हरिद्वार में हुई 'धर्म संसद' के दौरान दिए गए विवादित बयानों के मामले में दर्ज एफआईआर में अब दो नाम और बढ़ा दिए गए हैं. वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी के बाद दो संत महामंडलेश्वर धर्मदास और महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती भी केस दायरे में आ गए हैं. पुलिस इस मामले की जांच करने में लगी है. उधर, संत समाज में इस कार्रवाई को लेकर रोष बढ़ता जा रहा है.
 
बताया गया कि लगातार सामने आ रहे वीडियो और साक्ष्यों के आधार पर पुलिस एफआईआर में नाम बढ़ाती जा रही है. हरिद्वार कोतवाली पुलिस ने दंड संहिता की धारा 153 ए के तहत केस दर्ज किया है. एफआईआर में नाम बढ़ाए जाने से संत समाज में आक्रोश पनपता जा रहा है. हालांकि संत समाज इससे भयभीत नहीं है, बल्कि संतों का कहना है कि अगर उनको जेल में डाला जाएगा, तो वे सजा काटने को भी तैयार हैं. 

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आम मुसलमानों के खिलाफ नहीं हैं भाषण 

संतों ने अपनी सफाई में कहा है कि हमारे भाषण आम मुसलमान या आम लोगों के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि मुस्लिम जिहादियों के खिलाफ हैं. उनका कहना है कि अदालतों में विचार और फैसला किया जाए कि बहुसंख्यक समाज अगर कुछ बोलता है तो उस पर एफआईआर दर्ज हो जाती है और अल्पसंख्यक कुछ भी बोलते हैं तो उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती है.

इस लड़ाई को आगे जारी रखेंगे: यति नरसिंहानंद गिरी

जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी का कहना है, 'निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती जी और महामंडलेश्वर धर्मदास जी पर भी एफआईआर दर्ज हुई है. यह बहुत ही दुखद है. मुझे लगता है कि षड्यंत्रकारी वामपंथी और कांग्रेसियों के दबाव में सरकार आती जा रही है और सरकार सत्य के लिए लड़ने वालों को परेशान करना चाहती है. मैं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से अनुरोध करूंगा कि वे इस अन्याय को न होने दें.' 

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उन्होंने कहा कि धर्म संसद किसी एक व्यक्ति का प्रयास नहीं था, यह बहुत बड़ी धर्म संसद थी और बहुत बड़ी तादाद में महात्माओं ने आकर अपने विचार रखे, और यदि कोई भी सोचता है कि केस दर्ज करवाकर हमारी जुबान को बंद करवा देगा, तो यह गलतफहमी है. हम इस लड़ाई को आगे जारी रखेंगे.

धर्म संसद में धर्म रक्षा की बातें हुईं: स्वामी आनंद स्वरूप

शंकराचार्य परिषद के अध्यक्ष स्वामी आनंद स्वरूप का कहना है कि यह शर्मनाक है कि हरिद्वार हमारी तीर्थ नगरी है और उसमें बैठकर हम धर्म रक्षा की बात नहीं कर सकते हैं. धर्म संसद में बातें धर्म रक्षा की हुई हैं. उन्होंने कहा कि हम अपने उन बयानों पर कायम हैं. अगर कोई हमारी बहन का रेप करे तो क्या हम उसे मार नहीं डालेंगे? धर्म संसद में वक्ताओं ने ऐसे व्यक्तियों को मारने की बात की, न कि आम मुसलमान के बारे में, जो कि हमारे मित्र हैं.  स्वामी आनंद स्वरूप ने दावा किया कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनने से कोई नहीं रोक सकता. 

पुलिस का बयान

हरिद्वार के एसपी सिटी शेखर सुयाल ने बताया कि कहा कि धर्म संसद अभद्र भाषण मामले में हमारे आईओ ने स्टडी करने के बाद दो और नाम प्राथमिकी में बढ़ाए हैं और बाकी आगे की कानूनी कार्यवाही जारी है. पुलिस अफसर ने जानकारी दी कि शुरू में वसीम रिजवी का नाम एफआईआर में था, बाकी अन्य हमारी इन्वेस्टिगेशन का हिस्सा बने और उनका नाम भी केस में जोड़ा गया. इसके अलावा, हमारा प्रयास है कि उन भड़काऊ भाषणों के वीडियोज को ज्यादा सर्कुलेट न होने दिया जाए, इसके लिए एजेंसियों से संपर्क कर प्रयास किए जा रहे हैं. 

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क्या है मामला ?

बता दें कि उत्तराखंड के हरिद्वार में बीते 17 से 19 दिसंबर को धर्म संसद का आयोजन हुआ था. जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी की अध्यक्षता में आयोजित इस धर्म संसद में साधु-संतों ने हिंदुत्व को लेकर विवादित और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाते हुए कई भाषण दिए. 

 

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