हरिद्वार में हुई धर्म संसद के विवादित बयानों पर हुए विवाद ने अब नया मोड़ ले लिया है. धर्म संसद में अपने भाषणों की वजह से जो संत चर्चा में थे अब उन्होंने कुरान, पैगंबर मोहम्मद, मौलवियों के खिलाफ तहरीर दी है. इससे पहले हरिद्वार के वेद निकेतन में 17 से 19 दिसंबर को हुई धर्म संसद के बाद हरिद्वार कोतवाली में दो संतो सहित वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी. इसके जवाब में यह तहरीर दी गई है.
बता दें कि शाम्भवी आश्रम में मंगलवार को धर्म संसद की कोर कमेटी के संतों की बैठक हुई. बैठक में महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी, अमृतानंद स्वामी, परमानंद स्वामी, आनंद स्वरूप स्वामी, महेश स्वरूप, स्वामी शिवानंद महाराज, स्वामी विश्व पुरी महाराज, स्वामी सागर सिंधु महाराज, स्वामी हितेश्वर आनंद सरस्वती महाराज, डॉक्टर प्रेमानंद, महाराज स्वामी संतोष मुनि, महाराज दीपेंद्र नारायण सिंह त्यागी और वसीम रिजवी एवं दर्शन भारती शामिल थे. इस बैठक के बाद तहरीर दी गई.
लड़ाई गांधीवादी विचारधारा से नहीं - जितेंद्र नारायण त्यागी
वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी ने कहा कि उनकी लड़ाई गांधीवादी विचारधारा या गांधी से नहीं है, बल्कि उनकी लड़ाई उन 'जिहादियों' से है जो उनको मारने की बात करते हैं. त्यागी ने कहा कि वह किताब धार्मिक ग्रंथ नहीं हो सकती है जो किसी को मारने का आदेश देती हो. उन्होंने यह भी कहा कि अगर धर्म संसद में कही गई बात हेट स्पीच है तो क्या मदरसों और मस्जिदों से उस ग्रंथ को पढ़कर दूसरों को मारने का आदेश देने वाले भाषण हेट स्पीच नहीं है.
आगे बताया गया कि हरिद्वार कोतवाली में धार्मिक ग्रंथ कुरान, पैगंबर मोहम्मद और कुरान लिखने वाले अबू बकर के खिलाफ तहरीर दी गई है.
(इनपुट - मुदित अग्रवाल)