scorecardresearch
 

आय से 189% ज्यादा संपत्ति के मामले में ओम प्रकाश चौटाला को आज सुनाई जाएगी सजा, पहले भी जेल में काट चुके हैं 10 साल

Om Prakash Chautala Case: आय से अधिक संपत्ति के मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला को आज सजा सुनाई जाएगी. उनके पास आय से 189 फीसदी ज्यादा संपत्ति मिली थी.

Advertisement
X
ओम प्रकाश चौटाला को आय से अधिक संपत्ति के मामले में 21 मई को दोषी करार दिया गया था. (फाइल फोटो)
ओम प्रकाश चौटाला को आय से अधिक संपत्ति के मामले में 21 मई को दोषी करार दिया गया था. (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मार्च 2010 में CBI ने दाखिल की थी चार्जशीट
  • उनके पास 6.09 करोड़ रुपये संपत्ति ज्यादा थी
  • 4 बार हरियाणा के सीएम रहे हैं ओपी चौटाला

Om Prakash Chautala Case: आय से ज्यादा संपत्ति के मामले में दोषी करार दिए गए हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला को आज सजा सुनाई जाएगी. स्पेशल जज विकास धुल ने उन्हें 21 मई को प्रिवेन्शन ऑफ करप्शन एक्ट की अलग-अलग धाराओं के तहत दोषी करार दिया था. दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही थी.

Advertisement

सीबीआई ने चौटाला को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है. वहीं, चौटाला के वकील ने उनकी खराब सेहत और अच्छे बर्ताव के लिए सजा में नरमी बरतने की अपील की है. उनके वकील ने अदालत में कहा था कि चौटाला को फेफड़े में इन्फेक्शन है और वो खुद से अपने कपड़े भी नहीं बदल सकते. उन्हें चलने-फिरने के लिए एक व्यक्ति की जरूरत पड़ती है. 

वकील ने दावा किया कि चौटाला बीमार हैं और 90 फीसदी विकलांग हैं, इसलिए सजा में राहत मिले. इसके अलावा उनके वकील ने ये भी तर्क दिया कि जेबीटी टीचर्स रिक्रूटमेंट स्कैम (JBT Teachers Recruitment Scam) मामले में तिहाड़ जेल में सजा काटते हुए 10वीं और 12वीं की परीक्षा पास की थी, इसे भी ध्यान रखा जाए. 

आय से ज्यादा संपत्ति का मामला क्या है?

Advertisement

26 मार्च 2010 को सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में बताया था कि 24 मई 1993 से 31 मई 2006 तक अपने पद पह रहते हुए आय से ज्यादा संपत्ति कमाई. सीबीआई के मुताबिक, उनके पास 6.09 करोड़ रुपये की संपत्ति ऐसी थी, जिसके सोर्स का उनके पास कोई सबूत नहीं था. चौटाला के पास आय से 189.11% संपत्ति ज्यादा थी. 

चौटाला के खिलाफ प्रिवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जांच शुरू की थी. ED ने बताया था कि पद पर रहते हुए चौटाला ने आय से ज्यादा कमाई की और उसका इस्तेमाल संपत्तियां खरीदने में किया. 

2019 में ED ने चौटाला की 3.68 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क कर ली थी. उनका नई दिल्ली, पंचकूला और सिरसा में स्थित फ्लैट, एक प्लॉट और जमीन को जब्त कर लिया गया था. जनवरी 2021 में स्पेशल जज विकास धुल ने उनके खिलाफ आरोप तय किए थे.

ये भी पढ़ें-- 87 साल की उम्र में ओम प्रकाश चौटाला का कमाल, फर्स्ट डिविजन से पास की 10वीं-12वीं की परीक्षा

पहले भी भ्रष्टाचार के मामले में हो चुकी है सजा

इससे पहले चौटाला को 22 जनवरी 2013 को जेबीटी टीचर्स भर्ती घोटाले में सजा हो चुकी है. इस घोटाले के मामले में उन्हें भ्रष्टाचार और आपराधिक साजिश के तहत दोषी करार दिया गया था. 

Advertisement

भर्ती घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में उन्हें 7 साल और आपराधिक साजिश के मामले में 10 साल की सजा हुई थी. 

इस मामले ओम प्रकाश चौटाला के अलावा उनके बड़े अजय चौटाला और 53 अन्य लोगों को दोषी करार दिया गया था. कुल 55 लोग दोषी साबित हुए थे. 

जेबीटी टीचर्स भर्ती घोटाला 2000 में आया था. ये मामला 3,206 टीचर्स की गैर-कानूनी तरीके से हुई भर्ती से जुड़ा था. पिछले साल 2 जुलाई को सजा पूरी होने के बाद चौटाला रिहा हुए थे. 

चौटाला का राजनीतिक करियर

चौटाला हरियाणा के 7 बार विधायक और 4 बार मुख्यमंत्री रहे हैं. वो 2 दिसंबर 1989 से 22 मई 1990, 12 जुलाई 1990 से 17 जुलाई 1990, 22 मार्च 1991 से 6 अप्रैल 1991 और 24 जुलाई 1999 से 5 मार्च 2005 तक मुख्यमंत्री रहे हैं.

उनके पिता देवी लाल जनता दल की सरकार में उप प्रधानमंत्री थे. उनके बाद ही चौटाला पहली बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने थे. उन्हें पद पर बने रहने के लिए चुनाव जीतना जरूरी था और इसके लिए उन्होंने तीन बार उपचुनाव लड़ा.

पहली बार उपचुनाव बूथ कैप्चरिंग के आरोपों के चलते रद्द कर दिए गए थे. दूसरी बार निर्दलीय उम्मीदवार अमीर सिंह की मौत के कारण रद्द करना पड़ा था. तीसरी बार उपचुनाव में चौटाला जीत गए थे.

Advertisement

1996 में जस्टिस केएन सैकिया आयोग ने चौटाला को अमीर सिंह की हत्या के मामले में दोषी पाया था, जिसके बाद उनकी बजाय बनारसी दास गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाया गया. हालांकि, दो महीने बाद चौटाला फिर मुख्यमंत्री बन गए. लेकिन पार्टी के दबाव के चलते 5 दिन में ही उन्हें पद से हटना पड़ा. 8 महीने बाद चौटाला फिर से मुख्यमंत्री बन गए.1999 में बीजेपी के समर्थन से चौटाला ने बंसी लाल की सरकार को गिरा दिया और मुख्यमंत्री बन गए.

 

Advertisement
Advertisement