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हाथरस हादसा: 8 दिन बाद बेटी की शादी, 'भोले बाबा' को न्योता देने गई महिला की ऐसे बची जान

बीनू देवी ने बताया कि मैं सत्संग में लड़की शादी का कार्ड लेकर गई थी. 12 जुलाई को बेटी की शादी है. इस तरह के कार्यक्रम में बाबा आते तो नही हैं, लेकिन मैं कार्ड पहुंचा आई थी.

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हाथरस हादसा
हाथरस हादसा

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के हाथरस में मंगलवार को भोले बाबा के सत्संग के दौरान मची भगदड़ में सौ से ज्यादा लोगों की मौतें हुईं. हादसे के बाद मौके से एक शादी का कार्ड मिला, जिसको एक महिला लेकर गई थी. लेकिन उसकी जान बच गई क्योंकि वो भगदड़ होने से पहले ही प्रोग्राम से वापस आ गई थी. अलीगढ़ के मडराक थाना क्षेत्र के मुकुंदपुर गांव की रहने वाली बीनू देवी कल हाथरस में सत्संग में शामिल होने गई थीं. बीनू देवी की बेटी अंजली की शादी 12 जुलाई को होनी है और वह बेटी की शादी का कार्ड बाबा साकार हरि को देने के लिए अपने साथ लेकर गई थीं. 

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कई सालों से जाती थीं सत्संग

वहां पर बाबा से तो बीनू की भेंट नही हो सकी लेकिन उनके सेवादारों को उन्होंने वह कार्ड दे दिया. उनको उम्मीद थी कि सेवादार वह कार्ड बाबा तक पहुंचा देंगे. बीनू देवी घटना होने से पहले ही वहां से निकल आई थीं. वह पिछले 5 साल से बाबा के समागम में जाती रही हैं. हादसे के बाद बीनू की बेटी अंजली की शादी का कार्ड घटनास्थल पर पड़ा हुआ मिला था.

बीनू देवी ने बताया कि मैं सत्संग में लड़की शादी का कार्ड लेकर गई थी. 12 जुलाई को बेटी की शादी है. इस तरह के कार्यक्रम में बाबा आते तो नही हैं, लेकिन मैं कार्ड पहुंचा आई थी. 

कौन है भोले बाबा?

यूपी के एटा जिले के बहादुर नगर गांव में जन्मे बाबा साकार हरि का असली नाम सूरजपाल सिंह जाटव है. सत्संग मार्ग में आने से पहले सूरजपाल इटावा पुलिस में पदस्थ था. नौकरी के दौरान साल 1997 में बाबा के ऊपर यौन शौषण की एफआईआर भी दर्ज हुई थी. लेकिन जेल से छूटने के बाद वह साकार विश्व हरि बाबा बनकर सत्संग करने लगा. 

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सूरजपाल जाटव उर्फ भोले बाबा के उपर अब तक 5 मुकदमे चल रहे हैं  इनमें से 1- 1 केस आगरा, इटावा, कासगंज और फर्रुखाबाद और राजस्थान के दौसा में दर्ज है.

यह भी पढ़ें: 23 साल पहले गिरफ्तार हुआ था हाथरस वाला 'भोले बाबा', मृत बेटी को जादू से जिंदा करने का किया था दावा

साकार विश्व हरि या भोले बाबा उर्फ सूरजपाल की पत्नी का नाम कटोरी देवी है. सूरजपाल तीन भाइयों में से सबसे बड़ा है. इनसे छोटे भाई रामप्रसाद की मृत्यु हो चुकी है. तीसरे नंबर के भाई राकेश गांव में रहकर खेती का काम करते हैं. सूरजपाल से बने साकार विश्व हरि बाबा अपने पैतृक गांव में बने आश्रम पर आखिरी बार 23 मई 2023 को आये थे, तब से नहीं आए हैं. हालांकि, उनके आश्रम पर हर मंगलवार को हजारों लोगों की भीड़ उमड़ती है. बाबा के अनुयाई आश्रम पर पहुंचकर अपने आपको को धन्य समझते हैं.

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