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हाथरस में पीड़िता के ‘जबरन अंतिम संस्कार’ पर फूटा गुस्सा, कुमार विश्वास-औवैसी ने किया तीखा वार

हाथरस गैंगरेप पीड़िता के परिजनों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने बिना उनकी मंजूरी के ही अंतिम संस्कार कर दिया. यूपी पुलिस के इस व्यवहार पर देशभर में गुस्सा है.

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असदुद्दीन ओवैसी ने साधा निशाना
असदुद्दीन ओवैसी ने साधा निशाना
स्टोरी हाइलाइट्स
  • हाथरस गैंगरेप घटना पर देशभर में गुस्सा
  • पुलिस पर पीड़िता का जबरन अंतिम संस्कार कराए जाने का आरोप

उत्तर प्रदेश के हाथरस में गैंगरेप पीड़िता का पुलिस ने जिस तरह से जबरन अंतिम संस्कार किया, उसपर कई तरह के गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं. परिवार ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उन्हें घर में बंद किया और फिर खुद ही अंतिम संस्कार कर दिया. पुलिस के इस व्यवहार पर देश में गुस्सा है और कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. आम आदमी पार्टी के नेता रहे और कवि कुमार विश्वास ने भी ट्वीट कर अपना गुस्सा व्यक्त किया.

कुमार विश्वास ने ट्वीट कर लिखा कि सूर्यास्त के बाद, विधान के विपरीत, घरवालों से छुपाकर, जबरन, अपनी सरकार व पुलिस के बल पर गुपचुप तरीके से “हम सदा शासक रहेंगे” की सोचवाले अहंकारी अंग्रेजों ने शहीद ए आज़म भगतसिंह, सुखदेव व राजगुरु को बिना अंतिम संस्कार किए जलाया था. #HathrasHorrorShocksIndia

कुमार विश्वास के अलावा AIMIM के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस घटना पर रोष व्यक्त किया. ओवैसी ने लिखा कि एक गैंग्सटर को भी यूपी में परिवारवालों के सामने अंतिम संस्कार करने की इजाजत दी गई थी. लेकिन हाथरस की पीड़िता के परिवारवालों के साथ इस तरह का दुर्व्यवहार क्यों किया गया? अगर ये जातिगत दुर्व्यवहार नहीं है तो क्या है?

गौरतलब है कि 14 सितंबर को हाथरस में 19 साल की दलित युवती का गैंगरेप किया गया था. इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. लेकिन दंरिदों के द्वारा ऐसा बर्ताव किया गया कि युवती जिंदा नहीं बच पाई. मंगलवार को दिल्ली में युवती की जान चली गई.

बीती रात को जब यूपी पुलिस शव लेकर हाथरस पहुंची तो गांव वालों और परिवारवालों ने हंगामा किया. लेकिन यूपी पुलिस ने बिना परिजनों की सहमति और मौजूदगी के खुद ही पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया. अब इस पूरे मामले में विवाद के बाद एसआईटी का गठन किया गया है. 

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