पूर्व प्रधानमंत्री और जेडी (एस) नेता एचडी देवेगौड़ा ने मंगलवार को संसद से इस बात पर विचार करने का आह्वान किया कि क्या जाति के आधार पर आरक्षण दिया जाना जारी रखा जाना चाहिए या इसे आर्थिक आधार पर दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अतीत में दिए गए आरक्षण से भी लोगों की स्थिति में सुधार नहीं हुआ है और आज भी उन्हें दो वक्त की रोटी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है.
'आरक्षण व्यवस्था पर विचार करे सदन'
राज्यसभा में 'भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा' विषय पर चर्चा में भाग लेते हुए देवेगौड़ा ने कहा, 'सदन को खुद इस पर विचार करना होगा कि अतीत में क्या हुआ था और क्या हमें इस देश में सिर्फ गरीबी के आधार पर आरक्षण देना चाहिए.'
उन्होंने कहा, 'हमारे द्वारा अतीत में दिए गए आरक्षण के बावजूद लोग पीड़ित हैं. इससे उन लोगों को कोई राहत नहीं मिली जो अभी भी दो वक्त की रोटी के लिए संघर्ष कर रहे हैं.'
'क्या गरीबों को मिलनी चाहिए प्राथमिकता?'
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि सदन को इस पर विचार करना चाहिए कि क्या पहले की तरह ही आरक्षण दिया जाना जारी रखा जाना चाहिए या 'सिर्फ जो लोग गरीबी से सबसे अधिक पीड़ित हैं' और जिनकी स्थिति बेहद खराब है, उन्हें प्राथमिकता दी जानी चाहिए.
देवेगौड़ा ने कहा, 'अगर सदन इस पर विचार करता है, नेता इस पर विचार करते हैं तो आरक्षण पर कोई भी निर्णय लेने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पर विचार कर सकते हैं.' उन्होंने कहा कि डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर द्वारा तैयार किया गया संविधान समय की कसौटी पर खरा उतरा है.