केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से तुरंत कोरोना वायरस की जांचों की संख्या को बढ़ाने को कहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक पत्र जारी कर कहा है कि कोरोना के हॉटस्पॉट और घनी आबादी वाले क्षेत्रों में राज्य और केंद्र शासित प्रदेश टेस्टिंग को तुरंत रणनीतिक तरीके से बढ़ाएं.
एडवाइजरी में कहा गया है कि बंद घनी आबादी वाले इलाके और COVID हॉटस्पॉट पर रहने वाले लोगों समेत कोरोना संक्रमित के संपर्क में आने वाले हाई रिस्क वाले व्यक्तियों का टेस्ट किया जाना चाहिए.
दरअसल, देश में कोरोना का ग्राफ अब थोड़ा नीचे आ रहा है. पिछले 24 घंटे में देश में 2.38 लाख नए मामले सामने आए जो रविवार की तुलना में 7.8% कम है. संक्रमण दर में भी थोड़ी कमी आई है. सोमवार को पॉजिटिविटी रेट 13.11% रहा जो रविवार को 14.78% था.
दिल्ली और मुंबई में भी लगातार कोरोना के मामले घट रहे हैं. ये दोनों कोरोना के हॉटस्पॉट थे, जहां तेजी से मामले बढ़े थे. लेकिन अब यहां दोनों जगह कुछ दिनों से मामले कम हो रहे हैं.
क्या इस वजह से घटी टेस्टिंग?
कोरोना की जांच में कमी आने की एक वजह इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की नई गाइडलाइंस को भी माना जा रहा है. कोरोना टेस्टिंग पर ICMR की नई गाइडलाइन के मुताबिक, पॉजिटिव के संपर्क में आए लोगों को भी कोरोना की जांच कराने की जरूरत नहीं है.
ICMR की गाइडलाइन कहती है कि संक्रमितों के संपर्क में आए सिर्फ उन्हीं लोगों को जांच कराने की जरूरत है जिनकी उम्र 60 साल से ऊपर है और जिन्हें कोई गंभीर बीमारी है. सरकार ने बुजुर्गों और गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोगों को हाई रिस्क कैटेगरी में रखा है.
यूपी में 14,803 केस
उधर, उत्तर प्रदेश में 24 घंटे के भीतर कोरोना के 14803 नए मामले सामने आए हैं. इनमें लखनऊ के 2173, नोएडा 1262 और गाजियाबाद के 909 केस शामिल हैं. इस दौरान राज्य में 12 मौतें भी दर्ज की गईं. अब यहां कुल सक्रिय मामलों की संख्या 101114 तक पहुंच गई है.