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गर्भवती के लिए कोरोना टीका कितना सेफ? नई गाइडलाइंस में 5 अहम सवालों के जवाब

गर्भवती महिलाओं और उनके घरवालों के मन में कोरोना, कोविड वैक्सीन को लेकर कई सवाल हैं. इसमें से पांच अहम सवालों के जवाब स्वास्थ्य मंत्रालय ने नई गाइडलाइंस में दिए हैं.

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गर्भवती महिलाओं के लिए कोरोना वैक्सीन सुरक्षित है (सांकेतिक तस्वीर)
गर्भवती महिलाओं के लिए कोरोना वैक्सीन सुरक्षित है (सांकेतिक तस्वीर)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • गर्भवती महिलाओं के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइंस जारी
  • गर्भवती महिलाओं के लिए कोरोना वैक्सीन सुरक्षित है

कोरोना और वैक्सीन को लेकर गर्भवती महिलाओं के मन में जो सवाल हैं, उनके स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बार फिर जवाब दिए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी नई गाइडलाइंस में साफ कहा गया है कि प्रेगनेंसी की वजह से कोरोना का खतरा नहीं बढ़ता है. साथ ही गर्भवती महिला को टीका लगवाने के हिचकना नहीं चाहिए, ऐसा कहा गया है.

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हेल्थ मिनिस्ट्री ने नई गाइडलाइंस में कहा है कि ज्यादातर गर्भवती महिलाओं को बिना लक्षण वाला कोरोना होता है, जिसमें हॉस्पिटल में भर्ती करवाने की जरूरत नहीं होती. आगे कहा गया है कि बचाव के लिए सभी उपाय करने चाहिए, जिसमें कोरोना टीकाकरण भी शामिल है.

अगर किसी गर्भवती महिला को कोरोना हो जाए तो वह क्या करे? हेल्थ मिनिस्ट्री ने कहा है कि इस स्थिति में घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि अब तक 90 फीसदी केसों में ऐसी महिलाएं घर पर रहकर ही ठीक हो गई हैं. लेकिन अगर हालत बिगड़ती दिखे तो बाकी किसी दूसरे कोरोना मरीज की तरह उनको भर्ती करवाया जाना चाहिए. ऐसी महिलाएं जिनकी उम्र 35 साल से ऊपर है, ब्लड प्रेशर ज्यादा रहता है, थोड़ा मोटापा है उनको कोरोना का खतरा ज्यादा है.

मां को कोरोना होने पर बच्चे की सेहत पर असर पड़ता है? इस सवाल के जवाब में मंत्रालय ने कहा है कि 90 फीसदी केसों में कोविड संक्रमित मां से जन्म लेने वाले बच्चे स्वस्थ होते हैं. कुछ केसों में कोविड संक्रमण की वजह से समय से पहले डिलिवरी के चांस होते हैं. ऐसे में बच्चे का वजन 2.5 किलो से कम रह सकता है. बहुत कम मामलों में जन्म से पहले बच्चे की मौत के चांस हैं.

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किन गर्भवती महिलाओं को कोरोना का खतरा ज्यादा है? इसपर मंत्रालय ने कहा कि ऐसी महिलाएं जिनकी उम्र 35 साल है. मोटापा, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर जैसी दिक्कतें हैं उनको कोविड संक्रमण ज्यादा परेशान कर सकता है. साथ ही साथ जो हेल्थ वर्कर, फ्रंट लाइन वर्कर आदि के रूप में काम करती हैं, उनको भी इसका खतरा ज्यादा है. मतलब जिनका नियमित अंतराल पर बाहर आना जाना हो.

गर्भवती महिला कोरोना होने पर वैक्सीन कब ले? मंत्रालय कहता है कि ऐसी स्थिति में डिलिवरी होने के बाद वैक्सीन ली जा सकती है. वैसे भी कोरोना से ठीक होने के 6 महीने बाद कोरोना वैक्सीन लगवाने की सलाह दी जाती है.

क्या गर्भवती महिला को वैक्सीन लेने के बाद कोई साइड इफेक्ट आ सकते हैं? कहा गया है कि वैक्सीन कोरोना से रक्षा के लिए है. दूसरी दवाओं की तरह इसके भी कुछ हल्के साइड इफेक्ट हो सकते हैं. जैसे बुखार, इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द आदि. वहीं भ्रूण या बच्चे पर इसका कोई साइड इफेक्ट अब तक नहीं देखा गया है.

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