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ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए अब 65 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग भी कर सकेंगे रजिस्ट्रेशन, निवास प्रमाण-पत्र भी जरूरी नहीं 

केंद्र सरकार ने ऑर्गन ट्रांसप्लांट कराने के लिए 65 वर्ष की उम्रसीमा हटा दी है. अब उससे अधिक आयु के मरीज भी ऑर्गन ट्रांसप्लांट कराने के लिए किसी भी राज्य में रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.

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सांकेतिक फोटो
सांकेतिक फोटो

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ऑर्गन ट्रांसप्लांट कराने के लिए उम्र सीमा हटा दी है. अब 65 वर्ष और उससे अधिक आयु के मरीज भी ऑर्गन ट्रांसप्लांट कराने के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार को कहा कि 65 साल और उससे अधिक उम्र के मरीज भी मृत डोनर से ऑर्गन प्राप्त करने के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं क्योंकि केंद्र सरकार ने नियमों में आवश्यक बदलाव किए हैं.

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उन्होंने यह भी कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को निवास प्रमाण को जरूरी शर्तों से हटाने की सिफारिश की है ताकि जरूरतमंद मरीज ऑर्गन प्राप्त करने के लिए किसी भी राज्य में अपना रजिस्ट्रेशन करा सकें. 

सूत्रों ने कहा कि मंत्रालय ने राज्यों से इस तरह के रजिस्ट्रेशन की मांग करने वाले मरीजों से कोई शुल्क नहीं लेने के लिए कहा है. यह ट्रांसप्लांट नियम, 2014 के प्रावधानों के खिलाफ है. एक अधिकारी ने कहा कि तेलंगाना, महाराष्ट्र, गुजरात और केरल जैसे राज्य 5,000 से 10,000 रुपये के बीच कुछ रुपये शुल्क ले रहे हैं.  

सरकार ने पॉलिसी में किए अहम बदलाव 

नेशनल ऑर्गन एंड टिश्यु ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन (NOTTO) ने उन दिशानिर्देशों में आवश्यक बदलाव किए हैं जो अब 65 वर्ष और उससे अधिक आयु के रोगियों को मृत डोनर से ऑर्गन प्राप्त करने के लिए रजिस्ट्रेशन करने की अनुमति देते हैं. 

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इसके अलावा कुछ राज्यों में केवल उन रोगियों को रजिस्ट्रेशन करने की अनुमति दी जाती है जो उस राज्य के मूल निवासी हैं. आधिकारिक सूत्र ने कहा कि अब, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को इस तरह के प्रतिबंध हटाने की सिफारिश की है ताकि जरूरतमंद मरीज अंग प्राप्त करने के लिए किसी भी राज्य में अपना रजिस्ट्रेशन करा सकें. 

ट्रांसप्लांट कराने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी 

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार ऑर्गन ट्रांसप्लांट की संख्या 2013 में 4990 से बढ़कर 2022 में 15,561 हो गई है, जबकि जीवित डोनर से किडनी ट्रांसप्लांट की संख्या 2013 में 3495 से बढ़कर 2022 में 9834 हो गई है. इसके अलावा मृतक डोनर से ट्रांसप्लांट की संख्या 542 से बढ़कर 1589 तक पहुंच गई है. 

जीवित डोनर से लीवर ट्रांसप्लांट की संख्या 2013 में 658 से बढ़कर 2022 में 2,957 और मृत डोनर से ट्रांसप्लांट की संख्या 240 से बढ़कर 2022 में 761 हो गई है. वहीं हर्ट ट्रांसप्लांट की संख्या 30 से बढ़कर 2022 में 250 तक पहुंच गई है, जबकि फेफड़ों के ट्रांसप्लांट की संख्या 23 से बढ़कर 138 हो गई है. 

 

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