देश में कोरोना के कम होते केसों के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने शुक्रवार को कहा कि हम 3 मई से रिकवरी दर में वृद्धि देख रहे हैं, जो अब 96% है. उन्होंने कहा कि हम सक्रिय मामलों (एक्टिव केसों) में भी गिरावट देख रहे हैं. 11 जून से 17 जून के बीच 513 जिलों में कुल पॉजिटिव केस 5% से भी कम थे.
लव अग्रवाल ने बताया कि पिछले 24 घंटे में देश में 62,480 नए मामले सामने आए हैं. पिछले 11 दिनों से एक लाख से कम मामले रिपोर्ट हो रहे हैं. कोरोना मामलों के पीक में 85% की कमी देखी गई है.
उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटे में सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 7,98,656 हो गई है. पिछले 3 दिनों में सक्रिय मामलों में 1,14,000 की कमी आई है. हर रोज़ करीब 18.4 लाख कोरोना टेस्ट हो रहे हैं.
वहीं डॉ वीके पॉल (सदस्य-स्वास्थ्य, नीति आयोग) ने कहा कि अध्ययनों से पता चलता है कि टीकाकरण वाले व्यक्तियों में अस्पताल में भर्ती होने की संभावना 75-80% कम होती है. ऐसे व्यक्तियों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ने की संभावना भी कम हो जाती (लगभग 8%) है. साथ ही टीकाकरण वाले व्यक्तियों में आईसीयू में भर्ती होने का जोखिम केवल 6% है.
डॉ पॉल ने यह भी कहा कि कोरोना वेरिएंट आते रहेंगे और बढ़ते रहेंगे. उसे कंट्रोल करने के फॉमूर्ले में कोई बदलाव नहीं आएगा। नए वेरिएंट आए उसके आने से पहले हमें उससे बचने के लिए तैयार रहना चाहिए.
उधर, हेल्थ वर्कर्स पर हो रहे हमलों को रोकने के लिए लव अग्रवाल ने सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को एक पत्र लिखा है. पत्र में असम, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक में हाल की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए हेल्थ वर्कर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए त्वरित और आवश्यक कार्रवाई करने की बात कही गई.
साथ ही यह भी कहा गया है कि हेल्थ वर्कर्स जान हथेली पर रखकर कोरोना महामारी में लोगों की मदद कर रहे हैं, उनकी सुरक्षा होनी चाहिए. स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने आगे कहा कि 22 करोड़ से अधिक लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज़ लग गई है और 5 करोड़ से अधिक दूसरी डोज़ लगाई गई है.