देश में कोरोना एक बार फिर 'फन' उठाने लगा है. बुधवार को कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कुछ राज्यों में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. लेकिन एक्टिव केस अब भी 2 प्रतिशत हैं. और डेथ रेट भी 2 प्रतिशत से कम है. पॉजिटिविटी रेट भी 5 प्रतिशत से कम चल रहा है. मंत्रालय ने कहा कि पिछले साल सितंबर में देश में एक दिन में 96000 केस आए थे. एक दिन में सबसे ज्यादा कम केस 9 फरवरी 2021 को थे. उसके बाद से कुछ राज्यों में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है.
पिछले दो हफ्तों में नए मामलों में 47 प्रतिशत इजाफा हुआ है जबकि डेथ रेट 37 प्रतिशत बढ़ा है. 16 राज्यों के 70 जिलों में पिछले 15 दिनों में 150 प्रतिशत बढ़ोतरी देखी गई है. वहीं 17 राज्यों के 55 जिलों में नए मामलों में100 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. हेल्थ मिनिस्ट्री ने कहा कि ये मामले अधिकतर देश के पश्चिमी हिस्से से हैं. नए मामलों में महाराष्ट्र का हिस्सा 60 प्रतिशत है जबकि वहां 45 प्रतिशत डेथ केस हैं. 1 मार्च को जहां 7741 नए केस थे. वहीं 15 मार्च को 13,527 केस हो गए.
देश के 50 हजार अस्पतालों में कोरोना वैक्सीनेशन जारी
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश के 50 हजार अस्पताल ऐसे हैं, जहां कोरोना वैक्सीनेशन का काम चल रहा है. अमेरिका ने 14 दिसंबर को वैक्सीनेशन का काम शुरू किया था और 10 करोड़ लोगों को वैक्सीनेशन दी है. वहीं भारत ने 16 जनवरी से वैक्सीनेशन देना शुरू किया और अब तक 3.68 करोड़ लोगों को टीका लगाया जा चुका है. इसका मतलब है कि वैक्सीनेशन को लेकर हमारी प्रगति ब्रिटेन से ज्यादा है. 15 मार्च को एक दिन में पूरे विश्व में 80 लाख लोगों को टीका लगाया गया, जिसमें से भारत ने एक दिन में 30 लाख लोगों को टीका लगाया.
'तेलंगाना ने सबसे ज्यादा वैक्सीन बर्बाद की'
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी बताया कि किस राज्य ने कितनी वैक्सीन बर्बाद की. इस सूची में पहला नंबर तेलंगाना का है, जहां 17.6 प्रतिशत वैक्सीन बर्बाद हो गईं. दूसरा नंबर आंध्र प्रदेश (11.6%) का है. तीसरा नंबर यूपी (9.4%) का है. चौथे नंबर पर कर्नाटक है, जहां 6.9 प्रतिशत वैक्सीन बर्बाद हो गईं. औसतन भारत में वैक्सीन वेस्टेज 6.5 प्रतिशत है.