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मथुरा शाही ईदगाह मस्जिद सर्वे: हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, सुनवाई आज

सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई पहले से लंबित मुद्दे पर है. जहां मस्जिद समिति ने सभी 18 याचिकाओं को अपने पास स्थानांतरित करने के उच्च न्यायालय के पहले के आदेश को चुनौती दी थी, जबकि इस मामले को मूल रूप से जनवरी में सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनवाई के लिए निर्धारित किया गया था. मस्जिद समिति ने गुरुवार को मामले में सुनवाई की मांग की. 

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श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर, मथुरा (फाइल फोटो)
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर, मथुरा (फाइल फोटो)

मथुरा में श्री कृष्ण जन्म भूमि शाही ईदगाह मस्जिद मामले में सर्वेक्षण के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट के कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. मस्जिद इंतजामिया कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में इस पर शीघ्र सुनवाई की गुहार लगाई है. अब इस मामले में शुक्रवार को इस मेंशनिंग पर सुनवाई होगी.

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गुरुवार को कोर्ट के आगे मस्जिद कमेटी के वकील ने दलील दी कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में शीघ्र सुनवाई अगर नहीं हुई तो अन्य लंबित याचिकाओं पर असर पड़ेगा. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के 26 मई के आदेश को चुनौती देने वाली कमेटी ऑफ मैनेजमेंट ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करेगा. 

सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई पहले से लंबित मुद्दे
सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई पहले से लंबित मुद्दे पर है. जहां मस्जिद समिति ने सभी 18 याचिकाओं को अपने पास स्थानांतरित करने के उच्च न्यायालय के पहले के आदेश को चुनौती दी थी, जबकि इस मामले को मूल रूप से जनवरी में सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनवाई के लिए निर्धारित किया गया था. मस्जिद समिति ने गुरुवार को मामले में सुनवाई की मांग की. 

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बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर से सटे शाही ईदगाह परिसर के सर्वे को मंजूरी दे दी है. कोर्ट ने शाही ईदगाह परिसर के सर्वेक्षण के लिए अदालत की निगरानी में एक एडवोकेट कमिश्नर की नियुक्ति की मांग स्वीकार कर ली है. हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने बताया, एडवोकेट कमिश्नर की नियुक्ति हम जारी कर रहे हैं. कोर्ट ने शाही ईदगाह परिसर के सर्वे को मंजूरी दे दी है. हालांकि, एएसआई सर्वे कब से होगा, कितने लोग इसमें शामिल होंगे, ये सब 18 दिसंबर को तय होगा. 

याचिका में की गई थी ये मांग
दरअसल, 'भगवान श्री कृष्ण विराजमान' और 7 अन्य लोगों ने वकील हरि शंकर जैन, विष्णु शंकर जैन, प्रभाष पांडे और देवकी नंदन के माध्यम से इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर ASI सर्वे की मांग की थी. याचिका में दावा किया गया था कि भगवान श्री कृष्ण का जन्मस्थान मस्जिद के नीचे है और वहां कई संकेत हैं जो स्थापित करते हैं कि मस्जिद एक हिंदू मंदिर था. अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन के अनुसार, 'आवेदन में इलाहाबाद हाई कोर्ट के समक्ष यह प्रस्तुत किया गया था कि वहां एक कमल के आकार का स्तंभ मौजूद है जो हिंदू मंदिरों की विशेषता है.

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मस्जिद के स्तंभों के निचले भाग पर हिंदू प्रतीक होने का दावा
याचिका में कहा गया था, वहां 'शेषनाग' की एक छवि भी मौजूद है, जो हिंदू देवताओं में से एक हैं. उन्होंने जन्म वाली रात भगवान कृष्ण की रक्षा की थी. अदालत में यह भी प्रस्तुत किया गया कि मस्जिद के स्तंभों के निचले भाग पर हिंदू धार्मिक प्रतीक और नक्काशी है. आवेदक ने कोर्ट से अनुरोध किया है कि कुछ निर्धारित समय अवधि के भीतर शाही ईदगाह मस्जिद का सर्वेक्षण करने के बाद अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए विशिष्ट निर्देशों के साथ कमीशन की नियुक्ति की जा सकती है.

याचिकाकर्ताओं ने इलाहाबाद हाई कोर्ट से शाही ईगा​ह मस्जिद के एएसआई सर्वे की पूरी कार्यवाही की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराने का निर्देश देने की मांग भी की थी. वादी के वकील के अनुसार, विवाद के उचित निर्णय के लिए विवादित ढांचे के तथ्यात्मक पहलुओं को अदालत के समक्ष लाया जाना चाहिए क्योंकि विवादित क्षेत्रों की तथ्यात्मक स्थिति के बिना मामले का प्रभावी निर्णय संभव नहीं है. जस्टिस मयंक कुमार जैन ने संबंधित पक्षों को सुनने के बाद आवेदन पर 16 नवंबर को आदेश सुरक्षित रख लिया था.

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