देश के ज्यादातर इलाकों में गर्मी की शुरुआत हो चुकी है. कई इलाकों में तापमान 35-37 डिग्री के बीच दर्ज किया जा रहा है. मौसम विभाग के आंकड़े के अनुसार, फरवरी में भारत का औसत अधिकतम मासिक तापमान बढ़कर 29.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है, जो 1901 के बाद का उच्चतम स्तर है. गर्मी के सीजन को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने गर्मी से जुड़ी बीमारियों को लेकर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अलर्ट किया है.
क्या है नेशनल एक्शन प्लान?
राजेश भूषण ने जो पत्र लिखा है, उसमें उन्होंने सभी से गर्मी से होने वाली बीमारियों से जुड़े 'नेशनल एक्शन प्लान' में हिस्सा लेने को कहा है. 'नेशनल एक्शन प्लान' के बारे में जानकारी राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी), स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट पर दी गई है. वेबसाइट पर पीडीएफ फॉर्म में ये जानकारी उपलब्ध कराई गई है. साथ ही, राजेश भूषण ने सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के मुख्य सचिव और प्रशासकों से इस जानकारी को अपने-अपने राज्यों के सभी जिलों में पहुंचाने की बात कही है.
1 मार्च से दर्ज होंगे आंकड़े
राजेश भूषण ने बताया कि 1 मार्च से सभी राज्यों और जिलों में जलवायु परिवर्तन और मानव स्वास्थ्य पर राष्ट्रीय कार्यक्रम (NPCCHH) के तहत गर्मी से संबंधित बीमारियों पर दैनिक निगरानी एकीकृत स्वास्थ्य सूचना मंच (IHIP) पर आयोजित की जाएगी. उन्होंने सभी स्वास्थ्य सुविधाओं से इसमें हिस्सा लेने को कहा है. उन्होंने स्वास्थ्य संबंधी सभी विभागों से रोजाना गर्मी के कारण बीमार मरीजों या जान गंवाने वाले लोगों की जानकारी साझा करने की हिदायत दी है.
उन्होंने कहा कि NPCCHH, NCDC, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा राज्यों के साथ साझा किए जा रहे दैनिक हीट अलर्ट अगले कुछ दिनों के लिए हीट वेव के पूर्वानुमान का संकेत है. राज्य, जिला और शहर के स्वास्थ्य विभागों को गर्मी से होने वाली बीमारियों को लेकर हेल्थ एक्शन प्लान को लागू कराना होगा. उन्होंने अधिकारियों से स्वास्थ्य विभाग और स्वास्थ्य सुविधाओं की प्रभावी तैयारियों के लिए सभी जिलों में तैयारी सुनिश्चित करने के लिए कहा है.
उन्होंने पत्र में कहा कि राज्य के स्वास्थ्य विभागों को चिकित्सा अधिकारियों, स्वास्थ्य कर्मचारियों, जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को गर्मी से होने वाली बीमारी, इसकी शीघ्र पहचान और प्रबंधन के प्रति संवेदनशील बनने की जरूरत है. साथ ही, विभागों को आवश्यक दवाओं, इंट्रावेनस फ्लूड, आइस पैक, ओआरएस और सभी आवश्यक उपकरणों की पर्याप्त मात्रा की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा है.
देश के कुछ जगहों पर तापमान में असामान्य वृद्धि के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को एडवाइजरी जारी कर संभावित लू से बचाव के लिए क्या करें और क्या न करें सूची जारी की है. गर्मी से संबंधित बीमारी पर एक राष्ट्रीय कार्य योजना के हिस्से के रूप में, मंत्रालय ने नागरिकों को सलाह दी है कि वे उच्च प्रोटीन वाले भोजन और गर्मी के चरम घंटों के दौरान खाना पकाने से बचें. विशेष रूप से दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच धूप में न निकलें. मंत्रालय ने एडवाइजरी में लोगों से यह भी कहा है कि प्यास न लगने पर भी जब भी संभव हो पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं.