मणिपुर सरकार ने लीमाखोंग पावर स्टेशन से बड़ी मात्रा में ईंधन के रिसाव (Fuel Leak) की सूचना मिलने के बाद सभी संबंधित विभागों को तत्काल कार्रवाई करने को कहा है. फ्यूल लीक होने के बाद इंफाल घाटी से गुजरने वाली नदियों में तक फैल गया है. वीडियो फुटेज में दिख रहा है कि अधिकारी ईंधन रिसाव के बाद नदीं के किनारे पर गए हैं. रिसाव के बाद कुछ स्थानों पर नदी की धारा में हल्की आग तक लग गई.
सरकार का बयान
सरकार ने एक बयान में कहा, "ये धाराएं इंफाल नदी के निचले हिस्से में मिलती हैं. मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के कार्यालय ने सभी संबंधित विभागों को "मशीनरी, जनशक्ति और विशेषज्ञता के संदर्भ में सभी उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करके पर्यावरणीय आपदा को रोकने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने के लिए निर्देश दिया है.
सरकार ने आदेश में कहा, 'लीमाखोंग पावर स्टेशन से भारी ईंधन के रिसाव की सूचना मिली है, जिसके कारण कांटोसाबल, सेकमाई आदि से गुजरने वाली धाराओं में ईंधन फैल गया है. यह धारा खुरखुल-लोइतांग-कामेंग-इरोइसेम्बा-नंबुल से होकर बहती हुई इम्फाल नदी से मिलती है.'
मंत्रियों ने किया दौरा
आदेश में कहा गया है कि उपायुक्त (इंफाल पश्चिम) अगले निर्देश तक क्षेत्र में कॉर्डिनेशन करेंगे. मणिपुर के सार्वजनिक स्वास्थ्य और इंजीनियरिंग विभाग (पीएचईडी) मंत्री लीशांगथेम सुसींद्रो मैतई और वन मंत्री थोंगम विश्वजीत सिंह ने कल देर रात घटनास्थल का दौरा किया. यह घटनाक्रम तब हुआ है जब राज्य पिछले साल मई से जातीय हिंसा की चपेट में है, जब पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के आयोजन के बाद झड़प हुई थी. हिंसा में अब तक 180 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं.