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29 जिले डूबे, 7 लाख प्रभावित, असम को सैलाब से राहत नहीं, अगले 24 घंटे मूसलाधार बारिश का अलर्ट

पूर्वोत्तर राज्य असम भारी बाढ़ से जूझ रहा है. यहां 29 जिले जलमग्न हो गए हैं. 7 लाख लोग प्रभावित हैं. जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो चुका है. यातायात के साधन बंद हैं. संपर्क मार्ग टूट चुके हैं. अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है.

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असम में बाढ़ से जन जीवन बेहाल है
असम में बाढ़ से जन जीवन बेहाल है
स्टोरी हाइलाइट्स
  • भारी बारिश से अब तक 9 लोगों की मौत
  • कछार में 1.2 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित

असम में भारी बारिश के चलते हालात बेकाबू हो गए हैं. बाढ़ के कहर से लोगों का जीनव अस्त व्यस्त हो गया है. बारिश की जद में असम के 29 जिले आ गए हैं. 7 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. इसी बीच गुवाहाटी स्थित क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने 21 मई तक असम और मेघालय में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग ने कहा है कि दक्षिण-पश्चिमी हवाओं के कारण बंगाल की खाड़ी से दबाव बनेगा. लिहाजा उत्तरपूर्वी क्षेत्र में भारी बारिश जारी रहने के आसार हैं.

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असम में बाढ़ के चलते हालात इतने भयावह हो चुके हैं कि यहां बाढ़ और भूस्खलन में अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक 1413 गांव बाढ़ प्रभावित हैं. वहीं कछार में लगभग 1.2 लाख लोग और होजई में 1.07 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. उधर, नागांव जिले में कामपुर-कठियाताली संपर्क मार्ग टूट गया है. राज्य के कई हिस्से बाढ़ की चपेट में हैं. 

बाढ़ की स्थिति को देखते हुए कछार जिला प्रशासन ने जिले के सभी शैक्षणिक संस्थानों (सरकारी और निजी) और गैर जरूरी निजी प्रतिष्ठानों को 48 घंटे के लिए बंद कर दिया. असम के पहाड़ी इलाके कछार में रेलवे ट्रैक के पानी में डूब जाने के कारण यात्रियों को एयरलिफ्ट किया गया था. 

असम के वन मंत्री परिमल शुक्लाबैद्य ने कहा कि हर साल काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान को बाढ़ का सामना करना पड़ता है. हम पार्क में ड्यूटी पर मौजूद अधिकारियों के लिए खाद्य सामग्री सहित अन्य मदद के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. हमारी नावें रेडी टू गो पोजिशन में हैं. साथ ही जानवरों को बचाने के लिए भी बड़े स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं.

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बता दें कि जिला प्रशासन एनडीआरएफ के साथ बाढ़ प्रभावित घरों को खाली कराने और बचाव कार्य में जुटा है. रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय राजमार्ग 415 पर ईटानगर से नाहरलागुन के बीच मोदिरिजो गांव में कुछ घर बह गए हैं. भूस्खलन के कारण ईटानगर और होलोंगी के बीच यातायात कुछ समय के लिए रोक दिया गया. मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने आश्वासन दिया कि सरकार द्वारा नियमानुसार मृतकों को मदद राशि और घायलों को राहत प्रदान की जाएगी. (इनपुट- पल्लव)

 

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