कुन्नूर हेलिकॉप्टर क्रैश ने भारत से पहला सीडीएस बिपिन रावत को छीन लिया. हेकिकॉप्टर में सवार 14 लोगों में से 13 ने अपनी जान गंवा दी. उन्हीं शूरवीरों में से एक थे. JWO प्रदीप अरक्कल जो उस क्रैश में मारे गए. उनके दुखद निधन ने परिवार को अंदर तक झकझोर दिया है लेकिन ये खबर उनके पिता को अभी तक नहीं दी गई है.
प्रदीप के पिता कई हफ्तों से अस्पताल में भर्ती थे. खुद प्रदीप लगातार अपने पिता का ध्यान रख रहे थे और पिछले ही हफ्ते दोबारा काम पर लौटे. उनके पिता अभी भी घर पर ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं और उन्हें अपने बेटे के निधन की कोई जानकारी नहीं दी गई है. प्रदीप की मां को जरूर इसकी जानकारी दे दी गई है, लेकिन पिता को अभी नहीं बताया गया है.
इसके अलावा JWO प्रदीप अरक्कल की पत्नी को भी ये दुखद समाचार मिल चुका है. प्रदीप के जाने के बाद उनके दो बच्चों से पिता का साया हमेशा के लिए छिन चुका है. उनका एक बेटा तीन साल का है तो दूसरा 7 साल का. JWO प्रदीप अरक्कल के एक भाई भी हैं जो अब सारी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.
बताया जा रहा है कि पार्थिव शव को लेने के लिए वे ही गए हैं. लेकिन अभी तक ये स्पष्ट नहीं है कि प्रदीप का अंतिम संस्कार कब किया जाएगा. उनके पिता की नाजुक सेहत को देखते हुए परिवार कोई फैसला नहीं ले पा रहा है. इस मुश्किल समय में केरल के राजस्व मंत्री ने भी परिवार से मुलाकात की है और अपनी संवेदनाएं व्यक्त की.
प्रदीप के पड़ोसी भी बताते हैं कि वे हर किसी की मदद करने में विश्वास रखते थे. बाढ़ के दौरान भी जरूरतमंदों तक दवाई पहुंचाने का काम उन्होंने ही किया था. वे कई बार अपने पैसों से ही दवाई खरीद कर दूसरों की मदद किया करते थे. लेकिन अब JWO प्रदीप अरक्कल इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं.