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'इनकी भाषा आपत्तिजनक-अपमानजनक...', ईडी के समन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हेमंत सोरेन

सोरेन ने अपनी अर्जी में यह आरोप लगाया है कि प्रवर्तन निदेशालय ने सुप्रीम कोर्ट में इस मुकदमे को कानूनी तौर पर चुनौती दिए जाने के बावजूद  समन भेजना जारी रखा है. नए समन पर रोक लगाने और उसे रद्द करने की मांग करते हुए अर्जी में मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा है कि ईडी उन्हें अपमानित करने और डराने-धमकाने' के लिए 'बार-बार' समन कर रहा है.

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सीएम हेमंत सोरेन (फाइल फोटो)
सीएम हेमंत सोरेन (फाइल फोटो)

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक और अर्जी दाखिल की है. सोरेन ने इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी के नए समन को भी चुनौती दी है. इस पर भी सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई तय है. समन में ED ने रांची में धोखाधड़ी करके भूमि की बिक्री से जुड़े धन शोधन यानी मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच के संबंध में सोरेन को पूछताछ के लिए उपस्थित होने के लिए कहा है. 

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ईडी पर लगाए ये आरोप
सोरेन ने अपनी अर्जी में यह आरोप लगाया है कि प्रवर्तन निदेशालय ने सुप्रीम कोर्ट में इस मुकदमे को कानूनी तौर पर चुनौती दिए जाने के बावजूद  समन भेजना जारी रखा है. नए समन पर रोक लगाने और उसे रद्द करने की मांग करते हुए अर्जी में मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा है कि ईडी उन्हें अपमानित करने और डराने-धमकाने' के लिए 'बार-बार' समन कर रहा है. यह सब 'राजनीतिक बदले को भावना से किया जा रहा है. क्योंकि इसमें कानूनी प्रक्रिया और उनके कानूनी अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है. 

समन को बताया अपमानजनक
सोरेन के अनुसार ये समन 'अपमानजनक, अनुचित और अवैध' होने के अलावा, किसी राज्य के मुख्यमंत्री जैसे उच्च संवैधानिक पद को कमजोर करने के मकसद से किया जा रहा है.  
समन की भाषा भी आपत्तिजनक है, क्योंकि, इसमें उनको कथित तौर पर झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में संबोधित किया गया है न कि उनकी व्यक्तिगत क्षमता में. ये राज्य के शासन प्रमुख के का अपमान है.

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अगस्त में भी ईडी पर बरसे थे सीएम
इसके पहले भी सोरेन ईडी पर नाराजगी जता चुके हैं. तब उन्हें स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले की तारीख का समन दिया गया था. सीएम सोरेन ने ईडी को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर की थी साथ ही कड़े संदेश के साथ उन्हें भेजे गए समन को वापस लेने की मांग की थी. असल में सीएम समन के लिए चुनी गई तारीख से नाराज थे.

उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसा लगता है कि 'राजनीतिक आकाओं के इशारे पर ईडी ने उन्हें समन भेजकर 14 अगस्त को पेश होने के लिए कहा, जबकि यह अच्छी तरह से जानते थे कि स्वतंत्रता दिवस से पहले चुनी गई तारीख किसी भी सीएम के लिए काफी व्यस्त दिन होता है. उन्होंने कहा था कि समन से उन्हें कोई आश्चर्य नहीं है. 

ईडी के पास पहले से सारे दस्तावेज तो बुलाया क्यों? 
उन्होंने सवाल किया था कि जब ईडी के पास उनसे जुड़ी चल-अचल संपत्ति के सारे दस्तावेज हैं तो उन्हें फिर से समन क्यों भेजा गया है. इससे पहले नवंबर 2022 में जब उन्हें खनन घोटाले में तलब किया गया था, तब उन्होंने सारी जानकारी दे दी थी. निशिकांत दुबे की शिकायत पर सीबीआई ने उनके सामान और संपत्ति की भी जांच की थी. हेमंत ने यह भी कहा था कि उनकी ITR डिटेल भी एजेंसियों के पास है. इसलिए यह समन उनकी छवि को खराब करने और लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को अस्थिर करने की कोशिश के अलावा कुछ नहीं है.

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