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मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे पूर्व CM हेमंत सोरेन

झारखंड हाई कोर्ट ने 3 मई को हेमंत सोरेन के खिलाफ मामले को रद्द करने से इनकार कर दिया और कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री राजनीतिक प्रतिशोध का सहारा लेकर इस मामले से बच नहीं सकते.

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हेमंत सोरेन (फाइल फोटो)
हेमंत सोरेन (फाइल फोटो)

झारखंड (Jharkhand) के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग की है. हेमंत सोरेन के वकील कपिल सिब्बल ने चीफ जस्टिस की अदालत में कहा कि राज्य में ⁠13 मई को चुनाव होने हैं. हेमंत सोरेन के अधिकार प्रभावित हो रहे हैं, उनको चुनाव के लिए जमानत मिलनी चाहिए. उनका एक मामला सुनवाई के लिए मंगलवार को आ रहा है. सीजेआई ने कहा कि ईमेल कीजिए, हम देखेंगे. 

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कपिल सिब्बल की अपील पर CJI ने क्या कहा?

हेमंत सोरेन की तरफ से सीनियर वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि हमारे सुप्रीम कोर्ट आने के बाद एक मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने अपना फैसला दे दिया है. हमने अब हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. CJI ने कहा इस मामले की सुनवाई जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच कर रही है, आप धैर्य रखें इस मामले पर सुनवाई होगी.

कपिल सिब्बल ने बेंच को बताया कि हाई कोर्ट ने फैसले को काफी वक्त तक लंबित रखा. गिरफ्तारी के खिलाफ मामले में फरवरी में हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख दिया था. आखिरकार, हमें अंतरिम जमानत के लिए याचिका के साथ सुप्रीम कोर्ट में अपील करनी पड़ी.

इस पर चीफ जस्टिस ने कपिल सिब्बल को बताया कि अंतरिम जमानत की याचिका पहले ही 7 मई को सुनवाई के लिए आ रही है. सिब्बल ने बेंच से गुजारिश की कि हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ हेमंत सोरेन की अपील को भी जमानत याचिका के साथ लिस्ट किया जाना चाहिए.

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पिछले हफ्ते, हेमंत सोरेन की जमानत याचिका जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच के पास आई थी, जिसने प्रवर्तन निदेशालय को नोटिस जारी किया था.

3 मई को, झारखंड हाई कोर्ट ने हेमंत सोरेन के खिलाफ मामले को रद्द करने से इनकार कर दिया और कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री राजनीतिक प्रतिशोध का सहारा लेकर इस मामले से बच नहीं सकते. 

बता दें कि हेमंत सोरेन को 31 जनवरी को झारखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद गिरफ्तार किया गया था. 
 

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