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दिल्ली HC की तीखी टिप्पणी, 'कोरोना को लेकर आपकी रणनीति ऑफ ट्रैक चली गई'

एमसीडी कर्मचारियों को सैलेरी नहीं मिलने के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने सभी एमसीडी, दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार पर नाराजगी जताई और निर्देश दिया कि केंद्र, दिल्ली सरकार और सभी एमसीडी आपस में मीटिंग कर जल्द मामले को सुलझाए ताकि कर्मचारियों को जल्द सैलेरी मिल सके.

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दिल्ली हाईकोर्ट (पीटीआई)
दिल्ली हाईकोर्ट (पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दिल्ली कोरोना कैपिटल बनने की तरफ बढ़ रहीः हाईकोर्ट
  • 'सैलरी विवाद को केंद्र, दिल्ली और MCD मिलकर सुलझाए'
  • MCD कर्मियों के वेतन को लेकर अगली सुनवाई 16 दिसंबर को

दिल्ली नगर निगम के सफाई कर्मचारियों से लेकर डॉक्टरों तक के सैलरी बकाया होने के मामले पर दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले को लटकाए रखने के लिए दिल्ली सरकार और केंद्र को कड़ी फटकार लगाई और कहा कि लेकिन आपकी रणनीति ऑफ ट्रैक चली गई है. तीनों को सैलरी मुद्दे पर जल्द से जल्द समाधान करने का निर्देश भी दिया. 

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हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को कहा कि आप इस महामारी के दौर में सबसे ज्यादा टेस्टिंग की बात कर रहे थे, लेकिन आपकी रणनीति ऑफ ट्रैक चली गई है. कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में आप लगातार सबसे ज्यादा टेस्टिंग कराने की बात करते रहे, लेकिन दिल्ली कोरोना कैपिटल बनने की तरफ बढ़ रही है.

हाईकोर्ट ने कहा कि त्योहारों का मौसम है, कर्मचारियों को अपने परिवारों को देखना है. हाईकोर्ट ने आज सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार को दोपहर 2 बजे तक इस मामले में इंस्ट्रक्शंस लेकर आने का निर्देश दिया. 

कोर्ट ने कहा कि एमसीडी कर्मचारियों को अपने परिवार की मूलभूत जरूरतों को पूरा करने के लिए भी परेशान होना पड़ रहा है. पैसों की कमी सब जगह है, लेकिन इस वजह से इन लोगों को उनकी मूलभूत जरूरतों से वंचित नहीं रखा जा सकता.

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इस बीच हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद इस समस्या के समाधान के लिए बुलाई गई मीटिंग में केंद्र की ओर से क्यों कोई शामिल नहीं हुआ? इसका जवाब देने के लिए हाईकोर्ट ने केंद्र के वकील को आदेश दिया कि वह तुरंत निर्देश लें और कोर्ट को 2 बजे तक उस मुद्दे से अवगत कराएं.

एमसीडी कर्मचारियों को सैलेरी नहीं मिलने के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में दोपहर बाद फिर सुनवाई शुरू हुई. दिल्ली हाईकोर्ट ने सभी एमसीडी, दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार पर नाराजगी जताई और निर्देश दिया कि केंद्र, दिल्ली सरकार और सभी एमसीडी आपस में मीटिंग कर जल्द मामले को सुलझाए ताकि कर्मचारियों को जल्द सैलेरी मिल सके.

मनीष सिसोदिया का हिसाब

दिल्ली हाईकोर्ट ने राजधानी के तीनों नगर निगमों नार्थ, साउथ, ईस्ट एमसीडी से मामले में स्टेटस रिपोर्ट दायर करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होगी. 

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इससे पहले पिछले हफ्ते एमसीडी अस्पतालों के स्वास्थ्यकर्मियों को देरी से वेतन देने के मुद्दे पर एमसीडी की तरफ से किए गए दावों को लेकर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने तीनों मेयर को चिट्ठी लिखी थी. तीनों मेयर ने इससे पहले सीएम आवास के सामने विरोध प्रदर्शन किया था, जिसमें दावा किया गया कि दिल्ली सरकार की तरफ से एमसीडी को बड़ी मात्रा में राशि का भुगतान किया जाना है.

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मेयरों की तरफ से किए गए दावों पर पलटवार करते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने तथ्य पेश करते हुए कहा, 'ताजा रिकॉर्ड के आधार पर एमसीडी के पास दिल्ली सरकार का 6,008 करोड़ का कर्ज बकाया है. जबकि दिल्ली जल बोर्ड का एमसीडी के ऊपर 2,596 करोड़ बकाया भी है. इसलिए एमसीडी को ही दिल्ली सरकार को 8,600 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान करना है.'

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