भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने 4 से 7 मार्च 2025 तक ऑस्ट्रेलिया का सफल दौरा किया. इस यात्रा ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी (Comprehensive Strategic Partnership) को और मजबूत किया. दोनों देशों ने क्षेत्रीय सुरक्षा और सैन्य सहयोग को बढ़ाने पर गहन चर्चा की. बातचीत में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा, संयुक्त सैन्य अभ्यास, रक्षा तकनीक का आदान-प्रदान और नए द्विपक्षीय रक्षा समझौतों पर खास ध्यान दिया गया.
जनरल चौहान के ऑस्ट्रेलिया पहुंचने पर उन्हें सेन्य सम्मान गार्ड ऑफ ऑनर और पारंपरिक स्वागत दिया गया. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के चीफ ऑफ डिफेंस फोर्स एडमिरल डेविड जॉनस्टन और चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के साथ अहम बैठकें कीं. सीडीएस ने हेडक्वार्टर्स जॉइंट ऑपरेशंस कमांड (HQJOC) का दौरा कर ऑस्ट्रेलिया की ऑपरेशनल कमान संरचना को समझा और संयुक्त सैन्य अभियानों को और प्रभावी बनाने पर चर्चा की. इसके अलावा, उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई सेना के फोर्सेस कमांड मुख्यालय और रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी के फ्लीट मुख्यालय का दौरा किया, जिससे समुद्री सुरक्षा और रणनीतिक अभियानों में समन्वय को और मजबूती मिलेगी.
सैन्य शिक्षा और नीति संवाद को बढ़ावा
भारत की पेशेवर सैन्य प्रशिक्षण और शिक्षा की प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए, जनरल चौहान ने ऑस्ट्रेलियन डिफेंस कॉलेज (ADC) का दौरा किया. उन्होंने कॉलेज के कमांडेंट रियर एडमिरल जेम्स लाइब्रांड से मुलाकात कर सैन्य शिक्षा को और उन्नत करने के तरीकों पर चर्चा की. इसके अलावा, उन्होंने डिफेंस एंड स्ट्रेटेजिक स्टडीज कोर्स के अधिकारियों को इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की रणनीतिक चुनौतियों पर संबोधित किया और वहां प्रशिक्षण ले रहे भारतीय सैन्य अधिकारियों से मुलाकात कर उनके योगदान को सराहा.
रणनीतिक और रक्षा उद्योग सहयोग को बढ़ावा
सीडीएस ने ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख थिंक टैंक ‘लोवी इंस्टीट्यूट’ में रणनीतिक विशेषज्ञों और पूर्व रक्षा प्रमुखों के साथ विचार-विमर्श किया. उन्होंने एयर चीफ मार्शल (सेवानिवृत्त) सर एंगस ह्यूस्टन, डॉ माइकल फुलिलोव और सैम रोगेवीन के साथ भारत-ऑस्ट्रेलिया रक्षा सहयोग, बहुपक्षीय सुरक्षा ढांचे और इंडो-पैसिफिक में रणनीतिक साझेदारी को लेकर चर्चा की.
इसके अलावा, सीडीएस ने एडवांस्ड नेविगेशन सिस्टम्स की ब्रीफिंग ली, जिससे आधुनिक युद्धक्षेत्र में सटीक लक्ष्य भेदने और स्थिति को बेहतर ढंग से समझने की क्षमता बढ़ती है. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की रक्षा उद्योग सुविधाओं का भी दौरा किया और वहां आधुनिक रक्षा उत्पादन, अनुसंधान एवं विकास (R&D) और तकनीकी नवाचारों को करीब से देखा.
गैलीपोली के शहीदों को श्रद्धांजलि
इस यात्रा के दौरान एक भावनात्मक क्षण तब आया जब जनरल चौहान ने ऑस्ट्रेलियन वॉर मेमोरियल में गैलीपोली अभियान में शहीद हुए भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी और उनकी याद में पुष्पांजलि अर्पित की. इस यात्रा से भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रक्षा सहयोग को नई मजबूती मिली है. दोनों देशों के सामरिक हितों की एकजुटता बढ़ी है और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के लिए एक ठोस साझेदारी को बल मिला है.