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Hijab row पर दूसरे देशों को MEA की दो टूक- आंतरिक मामले पर आपकी टिप्पणी की कोई जरूरत नहीं

कर्नाटक हिजाब विवाद में पाकिस्तान के बाद अब अमेरिका की ओर से टिप्पणी की गई थी. इससे पहले, पाकिस्तान ने कर्नाटक मुद्दे पर भारतीय राजनयिक को समन भेजा था. 

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Hijab row
Hijab row
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कर्नाटक HC के अधीन है मामला: MEA
  • पाकिस्तान और अमेरिका ने की थी टिप्पणी

कर्नाटक में हिजाब विवाद (Hijab row) के बीच विदेश मंत्रालय ने इस मुद्दे पर अन्य देशों द्वारा की गई टिप्पणियों पर बयान जारी किया है. विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा है कि हमारे आंतरिक मामले पर आपकी टिप्पणी की कोई जरूरत नहीं है. MEA ने कहा कि मामला कर्नाटक हाई कोर्ट के अधीन है. 

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट करके कहा कि कर्नाटक के कुछ शैक्षणिक संस्थानों में ड्रेस कोड के संबंध में एक मामला कर्नाटक हाई कोर्ट के अधीन है. हमारा संवैधानिक ढांचा और तंत्र के साथ ही साथ लोकतांत्रिक लोकाचार और राजनीति, ऐसे संदर्भ हैं जिनमें मुद्दों पर विचार किया जाता है और उनका समाधान किया जाता है. जो लोग भारत को अच्छी तरह जानते हैं, उन्हें इन वास्तविकताओं की उचित समझ होगी.हमारे आंतरिक मुद्दों पर प्रेरित टिप्पणियों की कोई जरूरत नहीं है. 

बता दें कि कर्नाटक हिजाब विवाद में पाकिस्तान के बाद अब अमेरिका की ओर से टिप्पणी की गई है. जो बाइडेन एडमिनिस्ट्रेशन में अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता मामले के राजदूत राशद हुसैन ने ट्वीट करके कहा था कि कर्नाटक सरकार को इस पर फैसला नहीं करना चाहिए कि कोई मजहबी पोशाक पहने या नहीं. इससे पहले, पाकिस्तान ने कर्नाटक मुद्दे पर भारतीय राजनयिक को समन भेजा था. 

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बता दें कि पिछले महीने उडुपी के एक सरकारी कॉलेज में कॉलेज प्रशासन के नियम के खिलाफ जाकर छात्राएं हिजाब पहनकर कॉलेज आईं थीं. इसके बाद कर्नाटक के दूसरे कॉलेजों में भी हिजाब पहनने को लेकर विवाद खड़ा हो गया. धीरे-धीरे कई अन्य राज्यों में इस मुद्दे को लेकर प्रदर्शन शुरू हो गए. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा था कि वह प्रत्येक नागरिक के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करेगा. सोमवार को हाई कोर्ट में सुनवाई होगी, 

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