असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से बांग्लादेश से जो अवैध घुसपैठी आ रहे हैं, उनका विश्लेषण किया गया है. उनमें से एक भी हिंदू नहीं था. हिंदू वहां रहकर सिस्टम के खिलाफ लड़ रहे हैं. भारत आ रहे वे घुसपैठी मुसलमान हैं, जिनकी नौकरियां बांग्लादेश में कपड़े के कारखाने बंद होने के कारण चली गईं और जो नौकरी के लिए तमिलनाडु जा रहे हैं.
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने दावा किया कि पड़ोसी बांग्लादेश में अस्थिरता के बाद से हिंदुओं ने भारत में प्रवेश करने की कोशिश नहीं की है. उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हिंदू बांग्लादेश में रह रहे हैं और लड़ रहे हैं. उन्होंने ये भी कहा कि पड़ोसी देश के मुसलमान भारत के कपड़ा क्षेत्र में रोजगार की तलाश में सीमा पार करने का प्रयास कर रहे हैं.
सीएम ने दावा किया कि पिछले एक महीने में 35 मुस्लिम घुसपैठियों को गिरफ्तार किया गया है. वे भारत में एंट्री करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन जो आ रहे हैं वे कपड़ा उद्योग में काम करने के लिए बैंगलोर, तमिलनाडु, कोयंबटूर जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमने उन्हें रोका और वापस खदेड़ दिया.
सरमा ने कहा कि त्रिपुरा के रास्ते प्रवेश करने की कोशिश कर रहे घुसपैठिए असम के करीमगंज से ट्रेन से यात्रा करते हैं और दक्षिण भारतीय शहरों में पहुंचते हैं. उन्होंने कहा कि अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने की कोशिश करने वालों को असम और त्रिपुरा के पुलिस बल और बीएसएफ द्वारा पकड़ा जा रहा है.
सीएम सरमा ने कहा कि अगर हिंदू आना चाहते तो वे विभाजन के समय ही आ जाते. उन्होंने कहा कि वे बांग्लादेश को अपनी मातृभूमि मानते हैं, इसलिए वे नहीं आए. हमें उनका सम्मान करना चाहिए. सरमा ने कहा कि हमने अपने प्रधानमंत्री से बांग्लादेश सरकार पर हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दबाव डालने का अनुरोध किया है.
पीटीआई के मुताबिक बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के प्रभाव पर सीएम सरमा ने कहा कि पूर्वोत्तर उग्रवाद की स्थिति अब बदल सकती है. अगर कोई ऐसी सरकार बनती है, जो भारत विरोधी है, तो हमें निश्चित रूप से समस्या होगी. लेकिन हमें इंतजार करना चाहिए और देखना चाहिए. वहां चुनाव होने हैं. चुनावों के बाद पता चलेगा कि किस तरह की सरकार बनती है. अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी.