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हिंदू कैलेंडर का श्रावण मास आज से शुरू ... काशी, उज्जैन और देवघर में उमड़ा शिव भक्तों का जनसैलाब

श्रावण मास में भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंग में शामिल काशी विश्वनाथ, बाबा वैद्यनाथ और उज्जैन महाकाल के दर्शन-पूजन की विशेष मान्यता है. सावन के पहले सोमवार को लाखों की संख्या में भक्त वाराणसी, उज्जैन और देवघर में जलाभिषेक करके बाबा का आशीर्वाद लेने पहुंचे.

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श्रावण मास के पहले दिन काशी विश्वनाथ धाम और उज्जैन महाकाल मंदिर में भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना की गई. (Photo: Aajtak)
श्रावण मास के पहले दिन काशी विश्वनाथ धाम और उज्जैन महाकाल मंदिर में भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना की गई. (Photo: Aajtak)

भगवान शिव को अति प्रिय सावन या श्रावण का महीना आज से शुरू ​हो गया है. सावन हिंदू कैलेंडर में सबसे शुभ महीनों में से एक है. श्रावण मास का सोमवार बहुत महत्व रखता है. यह भगवान शिव का दिन माना जाता है. हिंदू धर्म के लोगों की आस्था है कि श्रावण महीने में सोमवार के दिन पूजा-अर्चना और जलाभिषेक करके प्रभु शिव को प्रसन्न किया जा सकता है और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है. 

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श्रावण मास में भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंग में शामिल काशी विश्वनाथ, बाबा वैद्यनाथ और उज्जैन महाकाल के दर्शन-पूजन की विशेष मान्यता है. सावन के पहले सोमवार को लाखों की संख्या में भक्त वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में जलाभिषेक करके बाबा का आशीर्वाद ले रहे हैं. सुबह से ही देश के कोने-कोने से पहुंचे शिवभक्त और कांवड़ियों पर काशी विश्वनाथ मंदिर के बाहर पुष्पवर्षा की गई. बाबा विश्वनाथ की मंगला आरती के साथ ही मंदिर का गेट आम भक्तों के दर्शन-पूजन और जलाभिषेक के लिए खोल दिए गए.

श्रावण के पहले दिन उज्जैन महाकाल में उमड़ा जनसैलाब

श्रावण के पहले सोमवार को उज्जैन के महाकाल मंदिर में भस्म आरती के दौरान आस्था का जनसैलाब उमड़ा. इसके लिए रात 2.30 बजे से ही मंदिर के कपाट खोल दिए गए थे. भगवान म​हाकाल का दूध, दही, पंचामृत, फलों से अभिषेक किया गया. महाकालेश्वर का आकर्षक श्रृंगार किया गया. इस दौरान श्रद्धालु भोले की भक्ति में लीन हो गए और महाकाल के जयकारों से मंदिर परिसर गूंज उठा. भस्म आरती संपन्न होने के बाद मंदिर के गेट आम लोगों के लिए खोल दिए गए.

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देवघर बैद्यनाथ धाम में विश्वप्रसिद्ध श्रावणी मेले का आगाज

झारखंड के देवघर स्थित बैद्यनाथ धाम में विश्वप्रसिद्ध श्रावणी मेले का आज से आगाज हो गया. इसके लिए देवघर से बासुकीनाथ और सुल्तानगंज तक व्यापक तैयारियां की गई हैं. एक महीने तक चलने वाले इस मेले का रविवार को देवघर में औपचारिक उद्घाटन किया गया. देवघर में विभिन्न राज्यों से कांवड़ियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है. एक महीने तक चलने वाले इस विश्वप्रसिद्ध श्रावणी मेले का समापन 19 अगस्त को होगा. इस बार सावन में पांच सोमवार पड़ेंगे.

इस बार श्रावण महीने में  72 साल बाद बना दुर्लभ संयोग 

इस बार 72 साल बाद श्रावण महीने में दुर्लभ संयोग बना है. भगवान शिव के प्रिय महीने की शुरुआत और समाप्ति दोनों सोमवार के दिन हो रही है. इससे पहले ऐसा दुर्लभ संयोग 1953 को बना था. साथ ही, इस बार सावन में 6 शुभ योगों का निर्माण भी हो रहा है. इस साल श्रावण मास में शुक्रादित्‍य योग, बुधादित्‍य योग, नवपंचम योग और गजकेसरी योग बनने वाले हैं. इनके अलावा, कुबेर योग और शश योग का भी निर्माण होगा. श्रावण के पहले सोमवार को प्रीति, आयुष्मान और सर्वार्थ सिद्धि योग भी शोभा बढ़ा रहे हैं. इस योग में सावन महीने का शुरू होना बेहद शुभ माना जाता है.

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