तृणमूल कांग्रेस से पूर्व सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं. शुक्रवार को महुआ को दिल्ली में सरकारी आवास खाली करना पड़ा है. इस बीच, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने एक नया आरोप लगाकर महुआ को घेरा है. दुबे ने आयकर विभाग की रिपोर्ट का हवाला दिया और महुआ का बिना नाम लिए कहा, कारोबारी हीरानंदानी ने टीएमसी की पूर्व सांसद को करोड़ रुपए अलग-अलग माध्यम से दिए हैं.
बता दें कि महुआ मोइत्रा को कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से कथित तौर पर उपहार लेने और उनके साथ संसद की वेबसाइट का यूजर आईडी और पासवर्ड साझा करने का दोषी पाया गया है. एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर लोकसभा ने 8 दिसंबर 2023 को महुआ की सदस्यता रद्द कर दी थी. महुआ को 'अनैतिक आचरण' का दोषी ठहराया था. बाद में संपदा निदेशालय ने महुआ के सरकारी बंगले का आवंटन रद्द कर दिया था. महुआ के खिलाफ बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाए थे. उनकी शिकायत के आधार पर लोकसभा ने एथिक्स कमेटी को जांच कर रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा था.
'आयकर विभाग की रिपोर्ट में साबित हुआ'
इससे पहले 18 जनवरी को एक बार फिर निशिकांत दुबे ने नए आरोप लगाए. दुबे ने कहा, सूचना के अनुसार हीरानंदानी ने तृणमूल कांग्रेस के पूर्व सांसद को पिछले कुछ वर्षों में करोड़ों रुपये अलग-अलग प्रकार और अलग अलग स्थानों पर अलग-अलग माध्यम से दिया. आयकर विभाग की रिपोर्ट में यह साबित हुआ.
'सांसद नहीं तो मकान क्यों?'
निशिकांत ने एक्स पर दूसरे पोस्ट में लिखा, जब सांसद नहीं तो दिल्ली में सरकारी मकान क्यों? चंद पैसों के लिए देश की सुरक्षा को गिरवी रखने वाली तृणमूल कांग्रेस के पूर्व सांसद को दिल्ली हाईकोर्ट ने मकान खाली करने का आदेश दिया. यह चिंता और जांच का विषय है कि उक्त सांसद को दिल्ली में मकान क्यों चाहिए?
'संपदा निदेशालय ने आवास खाली करने को कहा था'
बता दें कि संपदा निदेशालय ने महुआ को 7 जनवरी तक घर खाली करने के लिए कहा था. 8 जनवरी को नए नोटिस में तीन दिन के अंदर जवाब मांगा था कि उन्होंने सरकारी आवास खाली क्यों नहीं किया? 12 जनवरी को तीसरा नोटिस जारी किया गया. महुआ को दिल्ली हाईकोर्ट से भी राहत नहीं मिली. उसके बाद 19 जनवरी को उन्होंने आवास खाली कर दिया.