HIV AIDS in India: असुरक्षित यौन संबंधों के कारण देश में 10 साल में 17 लाख से ज्यादा लोग एड्स का शिकार हुए हैं. ये जानकारी नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (NACO) ने एक RTI के जवाब में दी है. ये RTI मध्य प्रदेश के एक्टिविस्ट चंद्र शेखर गौर ने दायर की थी. इसके मुताबिक, 2011 से 2021 के बीच देशभर में 17 लाख 8 हजार 777 लोग असुरक्षित यौन संबंधों के कारण HIV संक्रमित हुए हैं.
बीते 10 साल में HIV के सबसे ज्यादा मामले आंध्र प्रदेश में सामने आए हैं. यहां 3.18 लाख लोग संक्रमित हुए हैं. दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र है, जहां 2.84 लाख संक्रमित सामने आए हैं. इसके बाद कर्नाटक (2.12 लाख), तमिलनाडु (1.16 लाख), उत्तर प्रदेश (1.10 लाख) और गुजरात (87,440) मामले सामने आए हैं.
हालांकि, साल दर साल HIV से संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है. असुरक्षित यौन संबंध की वजह से 2011-12 में 2.4 लाख HIV संक्रमित हुए थे, जिनकी संख्या 2020-21 में घटकर 85,268 हो गई.
RTI के जरिए दिए जवाब में NACO ने बताया कि 10 साल में 15 हजार 782 लोग संक्रमित खून के जरिए HIV संक्रमित हुए हैं. जबकि, 4 हजार 423 बच्चे मांओं के जरिए संक्रमित हुए हैं.
2020 तक देश में 23.18 लाख से ज्यादा लोग ऐसे हैं, जो HIV के संक्रमण से जूझ रहे हैं, जिनमें 81 हजार 430 बच्चे भी शामिल हैं.
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क्या हैं एड्स के लक्षण?
HIV शरीर के इम्युन सिस्टम पर हमला करता है और अगर इसका समय पर इलाज नहीं हुआ तो ये AIDS बन जाता है. ये वायरस असुरक्षित यौन संबंध के अलावा संक्रमित व्यक्ति के खून के संपर्क में आने से फैलता है.
HIV की चपेट में आने के कुछ हफ्तों के भीतर है फ्लू जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, जैसे बुखार होना, गला खराब होना और कमजोरी होना. इसके बाद इस बीमारी में तब तक कोई लक्षण नहीं दिखते, जब तक ये AIDS न बन जाए. AIDS होने पर वजन घटना, बुखार आना या रात में पसीना आना, कमजोरी जैसे लक्षण होते हैं.
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क्या इलाज है इसका?
गुरुग्राम के फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट में इंटरनल मेडिसिन के डायरेक्टर सतीश कौल का कहना है कि HIV का कोई पुख्ता इलाज नहीं है, लेकिन इसे कुछ दवाओं के जरिए मैनेज किया जा सकता है.
उन्होंने बताया कि भारत में NACO का बहुत अच्छा नेटवर्क है, जो HIV संक्रमितों और उनके इलाज का काम देखती है. हाइली एक्टिव एंटी रेट्रोवायरल ट्रीटमेंट (HAART) आसानी से उपलब्ध है. उन्होंने बताया कि 2000 के बाद से HIV संक्रमितों की संख्या में गिरावट आ रही है.
HIV संक्रमितों की संख्या में गिरावट आने के ट्रेंड पर द्वारका स्थित आकाश हेल्थकेयर में इंटरनल मेडिसिन के सीनियर कंसल्टेंट प्रभात रंजन सिन्हा ने न्यूज एजेंसी को बताया कि कोरोना महामारी और लॉकडाउन प्रतिबंधों के कारण, पिछले दो साल में HIV की पहचान कम हो गई है. उन्होंने बताया कि अब कोविड जा रहा है, इसलिए HIV मरीजों की संख्या बढ़ सकती है. अगर कोई HIV संक्रमित होता है तो उसे जल्द से जल्द एंटीरेट्रोवायरल थैरेपी (ART) शुरू कर देनी चाहिए.