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राजभाषा सम्मेलन में बोले अमित शाह- काशी में हुआ हिन्दी का जन्म, अपनी भाषा में करें बच्चों से बात

कार्यक्रम में गृहमंत्री ने कहा कि जब देश की आजादी के 100 साल पूरे हों तो हमारी राजभाषा और सभी क्षेत्रीय भाषाओं का दबदबा रहना चाहिए, ताकि कोई भी विदेशी भाषा हमारे सामने खड़ी न हो सके. उन्होंने कहा कि मैं गुजरात से आता हूं और मेरी भाषा गुजराती है, लेकिन मैं हिन्दी को भी उतना ही महत्व देता हूं, जितना गुजराती भाषा को देता हूं.

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स्टोरी हाइलाइट्स
  • सम्मेलन का शुभारंभ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया
  • कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी शिरकत की
  • "पीएम नरेंद्र मोदी ने विश्व मंच पर अपनी बात हिंदी में ही रखी"

वाराणसी के दीनदयाल हस्‍तकला संकुल में 'अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन' का आयोजन किया जा रहा है. दो दिन तक चलने वाले इस सम्मेलन का शुभारंभ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया. कार्यक्रम के दौरान बतौर विशिष्ट अतिथि सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी शिरकत की. वहीं गृहमंत्री ने कहा "मैं गुजरात से आता हूं, मेरी भाषा गुजराती है, लेकिन मैं हिन्दी को भी उतना ही महत्व देता हूं, जितना गुजराती भाषा को देता हूं."

शनिवार को शुरू हुए सम्मेलन में मुख्य अतिथि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा "मेरे लिए हर्ष का विषय है कि आजादी के बाद राजभाषा सम्मेलन देश की राजधानी दिल्ली से बाहर हो रहा है. हालांकि हमने 2019 में ही मना लिया था कि अखिल भारतीय राजभाषा को राजधानी से बाहर लाएंगे. लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण इसमें दो  साल का वक्त लग गया. उन्होंने कहा कि इस साल अमृत महोत्सव में इस तरह का आयोजन होना आनंद का विषय है.''

कार्यक्रम में गृहमंत्री ने कहा कि जब देश की आजादी के 100 साल पूरे हों तो हमारी राजभाषा और सभी क्षेत्रीय भाषाओं का दबदबा रहना चाहिए, ताकि कोई भी विदेशी भाषा हमारे सामने खड़ी न हो सके. उन्होंने कहा कि मैं गुजरात से आता हूं और मेरी भाषा गुजराती है, लेकिन मैं हिन्दी को भी उतना ही महत्व देता हूं, जितना गुजराती भाषा को देता हूं. 

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हिंदी का जन्म काशी से हुआ

शाह ने कहा कि यह पहला अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन है जो कि दिल्ली से बाहर काशी में हो रहा है. हम इस सम्मेलन को काशी में लाने में सफल हुए हैं. यह हमारा सौभाग्य है कि जिस हिंदी को हम बोल रहे हैं, लिख रहे हैं, उसका जन्म काशी से ही हुआ है.

बच्चों के साथ भाषा का भी विकास होगा

सम्मेलन को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि हिंदी भाषा के लिए विवाद पैदा किया गया, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरी दुनिया में विश्व मंच पर अपनी बात हिंदी में ही रखी. इसलिए दुनिया में जितना सम्मान पीएम मोदी को मिला, उतना किसी भी पीएम को नहीं मिला है. उन्होंने देशभर के अभिभावकों से अपील करते हुए कहा कि आप अपनी भाषा में बच्चे से बात करें. इससे बच्चों के विकास के साथ ही भाषा का भी विकास होगा और मौलिक अधिकार भी मिलेगा.

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