अभी हाल ही में एक फिल्म आई थी जिसका नाम 'पठान' था. इस फिल्म में अभिनेत्री दीपिका पादुकोण ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की एजेंट रुबिना का किरदार निभाया था. इस फिल्म में रुबिना का मकसद भारतीय एजेंट शाहरुख खान को अपने हुस्न के जाल में फंसा कर भारत की जरूरी खुफिया जानकारी निकालना था. इस फिल्म में जासूसी का प्लॉट रूस की राजधानी मास्को था.
फिल्म की तरह है सतेंद्र के पाकिस्तानी एजेंट बनने की कहानी
ये तो थी फिल्म की कहानी लेकिन रविवार को मेरठ में पकड़े गए आईएसआई एजेंट सतेंद्र सिवाल की कहानी भी किसी फिल्मी प्लॉट से कम नहीं है. अंतर बस इतना है कि यहां रुबिना जैसे काल्पनिक पात्र की जगह पूजा जैसी शातिर एजेंट हैं जिसने हनी ट्रैप में एक ऐसे भारतीय युवक सतेंद्र को फंसाया जो मास्को में बेहद अहम पद पर काम कर रहा था.
सतेंद्र वहां गया तो था अपने देश की सेवा के लिए लेकिन हुस्न के जाल में फंसकर पाकिस्तान का एजेंट बन बैठा. देश से गद्दारी की इस पूरी कहानी की शुरुआत होती है रूस के मास्को शहर से जहां चंद पैसों के लिए सतेंद्र देश के सामरिक महत्व की खुफिया जानकारी दुश्मन मुल्क पाकिस्तान को बेच रहा था.
फेसबुक के जरिए 'पूजा' के जाल में फंसा था सतेंद्र
रूस की इंडियन एंबेसी में तैनात सतेंद्र भारतीय कर्मचारी होने के बावजूद पाकिस्तानी एजेंसी इंटर सर्विस इंटेलीजेंस (ISI) के लिए काम कर रहा था. दरअसल मॉस्को में तैनाती के दौरान सतेंद्र सिवाल फेसबुक के जरिए एक महिला के संपर्क में आया था.
जिस महिला के संपर्क में सतेंद्र आया था वो असल में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की एक ट्रेंड एजेंट थी जिसने पूजा नाम से फर्जी फेसबुक प्रोफाइल बनाई थी. फेसबुक पर लड़की (पूजा) से संपर्क होने के बाद पहले मैसेंजर के जरिए सतेंद्र की बातचीत उससे शुरू हुई. उसके बाद मोबाइल नंबर लेकर व्हाट्सऐप पर बातें होने लगी.
फेसबुक पर जिसे पूजा समझकर सतेंद्र सिवाल उसके हुस्न के जाल में फंस चुका था असल में उस पाकिस्तानी एजेंट का मकसद कुछ और था. पूजा नाम की इस पाकिस्तानी एजेंट ने अपने फेसबुक प्रोफाइल पर खुद को रिसर्चर बताया था. ये सब एक पूरी प्लानिंग का हिस्सा था ताकि रिसर्च के नाम पर बड़े आराम से भारत से जुड़ी जानकारियों सतेंद्र से निकलवाई जा सके.
पाकिस्तान एजेंट 'पूजा' ने ऐसे हनीट्रैप में फंसाया
पाकिस्तानी एजेंट पूजा ने अपनी मीठी-मीठी बातों से जल्द ही सतेंद्र को आकर्षित कर लिया और उसका भरोसा जीत लिया. इसके बाद पाकिस्तानी महिला एजेंट का असल खेल शुरू हुआ. उसने धीरे-धीरे भारतीय सेना से जुड़ी अहम जानकारियां सतेंद्र से रिसर्च में मदद के नाम पर मांगना शुरू कर दिया. यहीं से सतेंद्र उसकी जाल में फंस गया. जब टॉप सीक्रेट जानकारी लेने का समय आया तो पाकिस्तानी एजेंट ने उसे पैसे का भी लालच दिया और सतेंद्र उसके झांसे में आ गया.
ISI पाकिस्तानी एजेंट सतेंद्र को अपने हनी ट्रैप में फंसा चुकी थी. (हनी ट्रैपिंग एक तरह की जासूसी है. इसमें, राजनीतिक, सामरिक या मौद्रिक उद्देश्य के लिए रोमांटिक या यौन संबंधों का उपयोग किया जाता है) इसके बाद सतेंद्र उस पाकिस्तानी महिला एजेंट पूजा के इशारे पर अपने ही देश के खिलाफ काम करने लगा था.
देश से जुड़ी गोपनीय जानकारियां अपने हैंडलर्स को भेजता ही था, उनके इशारे पर दूसरों को भी इस जाल में फंसाता था. सतेंद्र साल 2021 से मॉस्को में भारतीय दूतावास में आईबीएसए (इंडिया बेस्ड सिक्योरिटी असिस्टेंट) के पद पर कार्यरत था. जब उसकी गतिविधियों पर भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को शक हुआ तो उस पर सर्विलांस शुरू की गई.
शक होने पर शुरू की गई सर्विलांस
इंटेलिजेंस इनपुट मिलने के बाद यूपी एटीएस ने इलेक्ट्रॉनिक और फिजिकल सर्विलांस के बाद पाया कि आरोपी सतेंद्र ना सिर्फ आईएसआई हैंडलर्स के नेटवर्क में है बल्कि भारत विरोधी गतिविधियों में भी शामिल है. इसके बाद यूपीएटीएस की टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया.
सतेंद्र के खिलाफ यूपी पुलिस ने आईपीसी की धारा 121ए (देश के खिलाफ जंग) और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम, 1923 के तहत केस दर्ज किया है. गिरफ्तारी के बाद उसे लखनऊ लाया गया है जहां एटीएस हेडक्वार्टर में उससे कड़ी पूछताछ चल रही है. इस पूछताछ में केंद्रीय जांच एजेंसियां भी शामिल हो सकती हैं.
सेना और विदेश मंत्रालय से जुड़ी गुप्त जानकारी भेज चुका था पाकिस्तान
आरोपी जासूस सतेंद्र सिवाल हापुड़ जिले के शाहमहिउद्दीनपुर गांव का रहने वाला है. वो मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास में आईबीएसए के पद पर तैनात था. उस पर आरोप है कि उसने आईएसआई के हैंडलर्स को भारतीय दूतावास, रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों की महत्वपूर्ण गोपनीय सूचना दी हैं. इतना ही नहीं आईएसआई के निर्देश पर वो विदेश मंत्रालय के कर्मचारियों को हनी ट्रैप में फंसवाकर या फिर पैसे का लालच देकर गोपनीय सूचनाएं लीक करवाता था.
यूपी एटीएस के साथ केंद्रीय जांच एजेंसियों को उम्मीद है कि उससे पूछताछ में कई अहम जानकारियां सामने आ सकती हैं, जिससे कि पाक के नापाक हरकत का पर्दाफाश हो सकता है.