scorecardresearch
 

'यूपी में का बा' गाने वाली नेहा सिंह राठौर के पति की नौकरी कैसे गई? विकास दिव्यकीर्ति से जानें पूरी सच्चाई

नेहा सिंह राठौर के पति हिमांशु सिंह आईएएस कोचिंग सेंटर 'दृष्टि' में बतौर शिक्षक जुड़े हुए थे. सोशल मीडिया पर कहा गया कि सरकार के दवाब में आने के बाद उनके पति को नौकरी से निकाला गया. जब दृष्टि आईएएस के फाउंडर डॉ. विकास दिव्यकीर्ति से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने इसे महज एक संयोग बताया.

Advertisement
X
कैसे गई हिमांशु सिंह राठौर की नौकरी? डॉ. विकास दिव्यकीर्ति से जानें पूरी सच्चाई
कैसे गई हिमांशु सिंह राठौर की नौकरी? डॉ. विकास दिव्यकीर्ति से जानें पूरी सच्चाई

कानपुर के मड़ौली कांड के बाद सिंगर नेहा सिंह राठौर ने 'यूपी में का बा'गाना गाया था. इस गाने के बाद नेहा सिंह राठौर की मुसीबतें शुरू हो गई थीं. दरअसल इस गाने के बाद उनके खिलाफ कानूनी नोटिस जारी किया गया था. इसके बाद सोशल मीडिया पर एक अलग बहस चालू हो गई थी कि सरकार के दवाब में आने के बाद उनके पति को नौकरी से निकाल दिया गया. 

Advertisement

दरअसल नेहा सिंह राठौर के पति हिमांशु सिंह आईएएस कोचिंग सेंटर 'दृष्टि' में बतौर शिक्षक जुड़े हुए थे. सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावे को लेकर इन जब सीधे दृष्टि आईएएस के फाउंडर डॉ. विकास दिव्यकीर्ति से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा इन दावों को सिरे से खारिज कर दिया. 

इस फैसले का राजनीति से नहीं कोई संबंध

दि लल्लनटॉप से बात करते हुए उन्होंने कहा कि इन दोनों फैसलों की टाइमिंग महज संयोग है. जब डॉक्टर विकास दिव्यकीर्ति से पूछा गया कि क्या नेहा सिंह राठौर के गाने की वजह से दृष्टि पर दवाब बनाया गया, तो उन्होंने कहा कि 'दृष्टि आईएएस' एक कॉर्पोरेट कल्चर के तहत काम करने वाली संस्था है. इस संस्था में किसी को निकाला जाना किसी एक व्यक्ति का फैसला बिल्कुल नहीं हो सकता. 

Advertisement

यहां देखें पूरी बातचीत-

नौकरी से निकालना किसी एक व्यक्ति का फैसला नहीं 

डॉक्टर विकास दिव्यकीर्ति ने कहा कि अगर मैं भी चाहूं तो किसी को नौकरी से नहीं निकाल सकता. हमारी संस्था में एक एम्पलॉई हैंडबुक है, उसी के तहत काम होता है. हमारे यहां छुट्टियों के नियम कई मामलों में सरकार से भी बेहतर हैं. हम किसी भी एम्पलॉई को बिना किसी ठोस आधार के हटा ही नहीं सकते. 

'टाइमिंग महज एक संयोग'

डॉ. विकास दिव्यकीर्ति ने कहा, 'यह महज एक संयोग है कि दोनों फैसलों की टाइमिंग लगभग एक जैसी रही. हिमांशु सिंह राठौर को दृष्टि आईएएस से निकाले जाने का फैसला 20 फरवरी की शाम को दृष्टि की टीम ने किया और इस फैसले के अगले दिन यूपी पुलिस की ओर से नेहा सिंह राठौर के खिलाफ कुछ फरमान जारी हुआ. यह महज एक संयोग है.'

कभी नहीं आया कोई दवाब

दृष्टि आईएएस के फाउंडर  डॉ. विकास दिव्यकीर्ति ने ऐसे विवादों और सोशल मीडिया के निराधार आरोपों को लेकर कहा कि मुझे नहीं लगता कि किसी राज्य के मुख्यमंत्री को इतनी फुर्सत होती होगी कि वो इन चीजों में दखल भी देगा. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि उन्हें करीब 25 साल हो गए यही काम करते हुए और आज तक किसी भी राजनीतिक दल के किसी भी नेता ने फोन कर के कभी दवाब नहीं डाला. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि किसी बच्चे की फीस से संबंधित मामले को लेकर तो कभी किसी विधायक या सांसद का फोन आग्रह करते हुए तो आ जाता है, लेकिन दवाब बनाने के लिए आज तक किसी नेता का फोन नहीं आया. 

Advertisement
Advertisement