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नए-नए खोजे गए मंदिरों को संभालने वाला ASI कैसे करता है काम? अंग्रेजी शासन में सबसे पहले हड़प्पा में ट्रायल के लिए हुई थी खुदाई

भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण देश के प्राचीन संस्‍मारक और पुरातत्‍वीय स्‍थल और अवशेष अधिनियम, 1958 के प्रावधानों के अनुसार देश में सभी पुरातत्‍वीय गतिविधियों को रेगुलेट करता है. विभाग पुरातात्विक स्थल और संग्रहालयों को JATAN सॉफ्टवेयर के माध्यम से डिजिटल तौर पर एकत्रित करने का प्रयास कर रहा है.

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भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण
भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण

उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (ASI) वहां के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों का पता लगाने की कोशिश कर रहा है. ASI ने पहले 5 तीर्थ और 19 कुंओं का सर्वे किया. ASI की टीम ने संभल के प्राचीन कल्कि विष्णु मंदिर का सर्वेक्षण भी किया और वहां के पुजारी से तमाम तरह की जानकारी ली. वहीं कल्कि विष्णु मंदिर के गुंबदों पर बनी कलाओं की फोटो ASI ने ली.  ASI की टीम अपने सर्वे के दौरान मंदिर के गर्भगृह में भी गई थी.

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संभल के खग्गू सराय में मिले शिव मंदिर और कुएं की कार्बन डेटिंग के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम नमूने लेने पहुंची. दरअसल कार्बन डेटिंग मंदिर या कुआं कब का बना है और उसकी उम्र कितनी है, इसका पता लगाने के लिए इस विधि का उपयोग किया जाता है. 

कैसे काम करता है ASI?

भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (ASI) एक महत्वपूर्ण संगठन है और ये भारत के संस्कृति मंत्रालय के अधीन आता है. ASI भारत के सांस्कृतिक विरासत की संरक्षण करता है और प्राचीन धरोहरों की देखभाल करता है. ये भारत के सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और पुरातात्विक धरोहरों का संरक्षण करता है. एएसआई भारत के पुराने स्थलों की खुदाई करके भारत के इतिहास और संस्कृति को उजागर करता है और उनका संरक्षण करता है. 

संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत काम करने वाले भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की स्थापना आजादी से लगभग आठ दशक पहले साल 1861 में हुई थी. साल 1920 में भारतीय पुरातत्त्व विभाग ने सर्वे किया था, जिसमें सिंधु घाटी से मिले अवशेषों से हड़प्पा और मोहनजोदड़ों जैसे दो प्राचीन नगरों की खोज हुई थी. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण का मुख्य काम राष्‍ट्रीय महत्‍व वाली प्राचीन स्‍मारकों और पुरातत्त्व स्‍थलों और अवशेषों का रखरखाव करना है.

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ASI देश के प्राचीन संस्‍मारक, पुरातत्‍वीय स्‍थल और अवशेष अधिनियम, 1958 के प्रावधानों के अनुसार देश में सभी पुरातत्‍वीय गतिविधियों को रेगुलेट करता है. वहीं, विभाग पुरातात्विक स्थल और संग्रहालयों को JATAN सॉफ्टवेयर के माध्यम से डिजिटल तौर पर एकत्रित करने का प्रयास कर रहा है. 

 अयोध्या राम जन्मभूमि फैसले पर कोर्ट ने ASI की रिपोर्ट को सही माना था

अयोध्या राम मंदिर पर जब देश की सर्वोच्च अदालत ने फैसला सुनाया था उस समय भी ASI की रिपोर्ट ने अहम भूमिका निभाई थी. ASI ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि मस्जिद खाली जमीन पर नहीं बनाई गई थी, साथ ही रिपोर्ट में ये भी कहा गया था कि मंदिर तोड़कर के मस्जिद बनाने के सबूत जांच के दौरान मिले हैं और कोर्ट ने ASI की रिपोर्ट को सही माना था.

सर्वे रिपोर्ट में मंदिर होने के 32 से ज्यादा प्रमाण

वाराणसी के चर्चित ज्ञानवापी मस्जिद में भी ASI  ने जांच की थी और अपनी रिपोर्ट सौंपी थी.  ASI की सर्वे रिपोर्ट में मंदिर होने के 32 से ज्यादा प्रमाण मिलने की बात कही गई है. बताया गया है कि 32 ऐसे शिलालेख मिले हैं जो पुराने हिंदू मंदिरों के हैं. सर्वेक्षण में मस्जिद परिसर के भीतर हनुमान, गणेश और नंदी सहित हिंदू देवताओं की मूर्तियों के अवशेष मिले हैं.

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