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100% वैक्सीनेशन, 100% स्वच्छ पानी... जानिए क्यों देशभर में चर्चा में है भुवनेश्वर का विकास मॉडल

20 अक्टूबर 2017 को ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने सभी शहरी इलाकों को टैप के जरिये स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करने के मिशन से जोड़ने का लक्ष्य रखा था. मात्र दो सालों में राज्य सरकार ने इस काम में पर्याप्त प्रगति दिखाई और पाइपलाइन का 80-90 प्रतिशत काम हो गया.

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ओडिशा स्वच्छ पानी देने वाला पहला राज्य (फोटो- आजतक)
ओडिशा स्वच्छ पानी देने वाला पहला राज्य (फोटो- आजतक)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पुरी शहर में पी सकेंगे नल का पानी
  • अन्य विकसित देशों की तर्ज पर मिलेगा स्वच्छ पानी
  • पटनायक सरकार की बड़ी उपलब्धि

ओडिशा के पुरी शहर में अब लोगों को स्वच्छ पानी पीने के लिए बोतल बंद पानी या फिल्टर का इस्तेमाल नहीं करना होगा. यहां पर सभी घरों में नल द्वारा साफ पानी पहुंचाया जाना शुरू हो गया है. यानी ओडिशा का पुरी शहर, देश का पहला ऐसा शहर है जहां 24 घंटे नल से शुद्ध पीने का पानी मिलेगा.

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आंकड़ों के मुताबिक इससे पुरी के तकरीबन 2.5 लाख निवासियों को फायदा मिलेगा. 21 सालों से ओडिशा की सत्ता संभाल रहे सीएम नवीन पटनायक ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से 'ड्रिंक फ्रॉम टैप' (सुजल) (drink from tap) मिशन की शुरुआत की. पटनायक ने यह भी साफ कहा है कि शहरवासी पानी को बर्बाद ना करें.

इस मिशन में शिकायत निवारण के लिए आईवीआरएस के साथ 24/7 हेल्पलाइन केंद्र, मोबाइल वॉटर टेस्टिंग लैब का उद्घाटन और जल आपूर्ति से जुड़ी शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए क्विक रेस्पॉन्स टीम शामिल है. 

हमारे देश में कुल शहरी आबादी के 18 प्रतिशत लोग झुग्गी झोपड़ियों में रहते हैं. 2011 की जनगणना के मुताबिक शहरों में रह रहे 32.7 प्रतिशत घरों में ही पाइप वाला सीवर सिस्टम मौजूद है.   

20 अक्टूबर 2017 को ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने सभी शहरी इलाकों को टैप के जरिये स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करने के मिशन से जोड़ने का लक्ष्य रखा था. मात्र दो सालों में राज्य सरकार ने इस काम में पर्याप्त प्रगति दिखाई और पाइपलाइन का 80-90 प्रतिशत काम हो गया.

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हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट सचिव जी मथी वथनम ने आजतक से बात करते हुए कहा कि अगस्त 2019 को हमलोग सोच रहे थे कि अब आगे क्या करना है? क्योंकि हमलोगों ने छह महीने से एक साल के अंदर पूरे राज्य में पाइपलाइन बिछाने का लक्ष्य रखा था. तभी हमारे मुख्यमंत्री ने 5टी गवर्नेंस मंत्र बताया. 5टी यानी ट्रांसपेरेंसी, टेक्नोलॉजी, टीम वर्क, टाइम एंड ट्रांसफोर्मेशन. मुख्यमंत्री चाहते थे कि ट्रांसफोर्मेशन के जरिए नागरिकों की जिंदगी बदली जाए. सरकार को लगा कि वाटर सप्लाई के जरिए शहरवासियों की जिंदगी में बड़ा बदलाव लाया जा सकता है.  

और पढ़ें- Tokyo Olympic: हॉकी टीम के करिश्माई प्रदर्शन के बाद चर्चा में क्यों हैं नवीन पटनायक?

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने अधिकारियों के साथ एक रिव्यू मीटिंग के दौरान कहा था कि वाटर सप्लाई से लोगों के जीवन में हमलोग क्या बदलाव ला सकते हैं? प्रत्येक घरों में टैप कनेक्शन तो अच्छी योजना है लेकिन क्या इसको हमलोग असली ट्रांसफोर्मेशन कह सकते हैं. असली ट्रांसफोर्मेशन तो तब आएगा जब लोग सीधे नल का पानी पी सकेंगे. इसलिए हमलोगों को टैप कनेक्शन के अलावा शुद्ध पानी की गुणवत्ता पर फोकस करना है.  

जिससे कि हमलोग कह सकें कि लोगों को जो पानी दिया जा रहा है वह पूरी तरह सेफ है. राज्य सरकार के लिए यह एक बड़ा टास्क था. क्योंकि हमें इस योजना से जुड़ी हर मिनट की डिटेल चाहिए थी. क्योंकि देश के किसी भी अन्य राज्य में 'ड्रिंक फ्रॉम टैप' योजना नहीं है. किसी भी सरकार ने इस योजना के बारे में नहीं सोचा था, जहां पर लोगों को नल से पीने का साफ पानी देने की बात हो. 

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इसलिए राज्य सरकार ने वरिष्ठ इंजीनियरों की एक टीम को सिंगापुर भेजा, जिससे कि वो वहां रहकर ट्रेनिंग ले सके. सभी इंजीनियरों ने वहां रहकर दस दिनों की ट्रेनिंग ली और वो वापस भारत लौट आए. भारत लौटने के बाद सभी इंजीनियरों ने अधिकारियों के साथ बैठकर माथापच्ची की. उसके बाद इस योजना को आगे बढ़ाया जा सका. अब हमारे राज्य में भी अमेरिका, इंग्लैंड, जापान, सिंगापुर जैसे विकसित देशों की तर्ज पर हर घर में नल से गुणवत्तापूर्ण पीने योग्य पानी की आपूर्ति की जाएगी.

भुवनेश्वर में 100 फीसदी वैक्सीनेशन

भारतवर्ष में कोविड-19 के खिलाफ सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत 16 जनवरी 2021 से किया गया. इस बीच पूर्वी भारत का ओडिशा राज्य भी कोविड-19 टीकाकरण महाअभियान में शामिल हुआ. कोरोना महामारी की चुनौतियों का सामना करते हुए कोविड टीकाकरण में ओडिशा की राजधानी व मंदिरों का शहर भुवनेश्वर, देश का पहला शहर बन चुका है. जहां 100% लोगों को कोविड-19 का टीका दिया गया है. इतना ही नहीं बल्कि तकरीबन एक लाख प्रवासी लोगों ने शहर में कोविड टीकाकरण के दौरान प्रथम डोज लगाया है.

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को देश भर में महामारी व चक्रवाती तूफान से नाजुक स्थितियों में मुकाबला करने के मामले में गुरु माना जाता है. चक्रवाती तूफान हो या कोरोना महामारी की चुनौती, लगातार नवीन पटनायक ने योजनाबद्ध तरीके से परिस्थितियों का सामना किया है. यही कारण है देश भर में नवीन पटनायक को डिजास्टर मास्टर भी कहा जाता है. भुवनेश्वर वासियों को 100% टीकाकरण मुहैया कराने का श्रेय नवीन पटनायक को जाता है.

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प्रत्येक नागरिक का जीवन हमारे लिए कीमती

भुवनेश्वर नगर निगम के कमिश्नर संजय सिंह ने आजतक से बातचीत में बताया कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राज्यवासियों को संदेश देते हुए कहा कि प्रदेश का हर एक नागरिक का जीवन हमारे लिए कीमती है. इस बात को मूल-मंत्र मान कर हमने कोविड-19 के खिलाफ शहर वासियों को 31 जुलाई तक 100% टीकाकरण करने की एक योजना तैयार की. सर्वप्रथम स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों को टीकाकरण की योजना बनाई. 

हालांकि नगर निगम के लिए राजधानी भुवनेश्वर में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान लोगों को टीका लगाना काफी चुनौती पूर्ण रहा. कोविड-19 गाइडलाइंस के तहत भुवनेश्वर में 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की आबादी तकरीबन 9,07,000 दर्ज की गई. भुवनेश्वर में 31 हजार स्वास्थ्य कर्मी हैं, 33 हजार फ्रंटलाइन कर्मी हैं, और 5 लाख 17 हजार लोग 18-44 वर्ष के बीच आते हैं. वहीं 45 वर्ष से ऊपर के लोगों की संख्या तकरीबन 3 लाख 20 हजार है. नगर निगम द्वारा संचालित टीकाकरण अभियान के दौरान इन सभी लोगों को कोविड टीका का दूसरी डोज दिया जा चुका है.

सिंह ने बताया कि इस बीच नगर निगम ने शहर के विभिन्न क्षेत्रों में 55 वैक्सीनेशन सेंटर संचालित किए हैं. जिसमें 30 वैक्सीनेशन सेंटर शहर के प्रथामिक स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक केंद्रों पर बनाया गया है. कई इलाकों में ड्राइव-इन-वैक्सीनेशन के तहत 10 सेंटर तैयार किया गया. साथ ही बुजुर्ग व्यक्ति और विशेष समुदाय के लोगों के लिए 15 मोबिलाइजर वैक्सीनेशन सेंटर स्कूलों में चलाया गया. 

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शुरुआती दौर में प्रतिदिन 3,000 लोगों को कोविड-19 टीका देने की योजना बनाई गई. साथ ही जरूरत पड़ने पर इसे बढ़ाया गया. वर्तमान में कई सेंटर पर गर्भवती महिलाओं को कोविड का प्रथम डोज दिया जा रहा है. नगर निगम द्वारा जारी 31 जुलाई की रिपोर्ट के आधार पर 18,57,517 डोज लोगों को दिए गए हैं. इस आधार पर भुवनेश्वर, देश का पहला शहर बन चुका है, जहां 100% लोगों को कोविड-19 का टीका दिया गया है.

स्पेशल मोबिलाइजर वैक्सीनेशन ड्राइव से दी गई वैक्सीन

नगर निगम के कमिश्नर ने विस्तार से बताया कि कोरोना संकट के दौरान घर-घर तक खाना लेकर जाने वाले स्विगी और जोमैटो के कर्मियों एवं ओला और उबर के ड्राइवर्स का स्पेशल मोबिलाइजर वैक्सीनेशन ड्राइव के अंतर्गत टीकाकरण किया गया. साथ ही योजनाबद्ध तरीके से वैक्सीनेशन सेंटर पर नहीं पहुंच पाने वाले नागरिकों के लिए हेल्पलाइन नंबर 1929 जारी किया. वहीं 60 वर्ष से अधिक या 45 वर्ष की उम्र में बीमारी से ग्रसित व्यक्ति को हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर अपना नाम और पता बताने के बाद उनके लिए घर से वैक्सीनेशन सेंटर और वैक्सीनेशन सेंटर से घर तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई.

सिंह ने बताया कि राजधानी में निवास करने वाले कुछ लोगों के पास आधार कार्ड या अन्य सरकारी दस्तावेज नहीं था. जिसमें ट्रांसजेंडर, हॉपलेस पीपल, सड़क पर भीख मांगने वाले लोग एवं अन्य लोगों को कोविन पोर्टल पर पंजीकृत कर, नगर निगम द्वारा संचालित शेल्टर होम में उनका टीकाकरण किया गया. सिंह ने बताया कि वैक्सीन के साथ शहर में कोविड टेस्टिंग की प्रक्रिया पर भी जोर दिया गया है.

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शहर के अस्पतालों में टेस्टिंग की क्षमता बढ़ाई गई है. वहीं रेड जोन के क्षेत्र में कोविड टेस्टिंग मोबाइल वैन चलाई गई. चलने-फिरने से लाचार बुजुर्ग नागरिक और गर्भवती महिलाओं के लिए घर पर ही कोविड टेस्टिंग की सुविधा प्रदान की गई. राजधानी भुवनेश्वर में लॉकडाउन खुलने के बाद अधिकांश बंद गतिविधियां शुरू हो गई हैं. पिछले 15 दिनों में भुवनेश्वर में 250 से 350 कोरोना के नए मामले सामने आए हैं. हम बहुत जल्द भुवनेश्वर शहर को कोरोना मुक्त बनाने वाले हैं.

बता दें कि भुवनेश्वर शहर में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 318 नए मामले दर्ज किए गए हैं. साथ ही 237 कोरोना मरीजों को ठीक होने के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया है. अब तक राजधानी में कोविड-19 संक्रमित मरीजों की संख्या 100181 दर्ज की गई है. वहीं 96856 लोग, कोविड-19 संक्रमण से ठीक हुए हैं. साथ ही 806 लोगों की कोविड-19 से मौत हो गई है.

 

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