वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को वित्त वर्ष 2023-24 के लिए संसद में आम बजट पेश किया. यह नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट था.
मोदी सरकार के आखिरी पूर्ण बजट में अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के बजट में भारी कटौती की गई है. 2023-24 के लिए अल्पसंख्यक मंत्रालय को 3097 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है जबकि 2022-2023 के बजट में यह राशि 5020 करोड़ रुपये थी. कहा जा रहा है कि वित्त वर्ष 2022-2023 में सिर्फ 2612 करोड़ रुपये ही खर्च हो पाया था.
वहीं, मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन बंद होने के करीब है. इसके लिए सिर्फ 10 लाख रुपये का बजट आवंटित किया गया है. 'नई मंज़िल' को भी सिर्फ 10 लाख का बजट दिया गया है. स्किल डेवलपमेंट को भी दस लाख रुपये आवंटित किए गए हैं जबकि पिछले साल स्किल डेवलपमेंट का बजट 100 करोड़ रुपये था. वहीं, यूपीएससी की तैयारी के लिए अल्पसंख्यक छात्रों के लिए चलने वाली स्कीम बंद कर दी गई है.
ओवैसी ने बजट पर मोदी सरकार को घेरा
एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के बजट में 40 फीसदी की कटौती की है. उन्होंने कहा कि शायद पीएम मोदी के हिसाब से गरीब अल्पसंख्यक बच्चों को सरकार के प्रयास की जरूरत नहीं है, सबका विकास जैसे नारे काफी हैं.
बता दें कि साल 2006 में यूपीए सरकार ने अल्पसंख्यक मंत्रालय का गठन किया था. 2006 से 2013 तक अल्पसंख्यक मंत्रालय का बजट 144 करोड़ रुपये की शुरुआत के साथ बढ़कर 3531 करोड़ रुपये पर जा पहुंचा था. लेकिन उसके बाद से ही इसमें लगातार गिरावट देखी गई.