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इस राज्य में कोरोना नियमों की अनदेखी कर निभाई गोबर युद्ध की परंपरा, सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया

ऐसा ही कुछ आंध्र प्रदेश के कुर्नूल में बुधवार को देखने को मिला. तेलुगु में नववर्ष को उगादी के नाम से जाना जाता है. इस पर्व पर कुर्नूल के कैरुप्पा गांव में ‘गोबर युद्ध’ की परंपरा बरसों से चली आ रही है.

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तेलुगु में नववर्ष पर उड़ी कोरोना नियमों की धज्जियां
तेलुगु में नववर्ष पर उड़ी कोरोना नियमों की धज्जियां
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कुर्नूल के कैरुप्पा गांव में ‘गोबर युद्ध’ की परंपरा
  • तेलुगु में नववर्ष को उगादी के नाम से जाना जाता है

देश के कई राज्यों में कोरोना महामारी से लोग बेहाल हैं. लेकिन, जब आस्थाओं और परम्पराओं का सवाल हो तो लोग कोरोना से बचाव के उपायों की भी अनदेखी कर देते हैं. ऐसा ही कुछ आंध्र प्रदेश के कुर्नूल में बुधवार को देखने को मिला. तेलुगु में नववर्ष को उगादी के नाम से जाना जाता है. इस पर्व पर कुर्नूल के कैरुप्पा गांव में ‘गोबर युद्ध’ की परंपरा बरसों से चली आ रही है.   

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आंध्र में कोरोना की दूसरी लहर में नए केसों की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है. इसके बावजूद कैरुप्पा गांव में सैकड़ों लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग की परवाह न करते हुए नववर्ष के जश्न में हिस्सा लिया. इस दौरान एक दूसरे पर गोबर के उपले फेंक कर गोबर युद्ध की परंपरा को भी निभाया गया. बुधवार शाम को पूरा गांव दो समूहों में बंट गया और एक दूसरे पर गोबर के उपले फेंकने लगा. 

मान्यता के मुताबिक भगवान वीरभद्र स्वामी का जब जुलूस निकल रहा था तब दो समूहों के बीच गोबर के उपलों के साथ लड़ाई हुई थी. लोककथा है कि वीरभद्र स्वामी जो लिंगायत थे वो दलित महिला कलिका देवी से शादी करना चाहते हैं. तब लड़ाई के बाद विवाद को आपसी सहमति से सुलझा लिया गया था और शादी संपन्न हुई थी. उसी परम्परा को आज तक निभाया जा रहा है. गांव के बुजुर्ग वीरभद्र स्वामी और कलिका देवी का विवाह कराते हैं लेकिन उससे पहले गाय के गोबर के उपलों से लड़ाई की परम्परा को भी निभाया जाता है.  

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उगादी से जुड़ी हुई एक और घटना में कुर्नूल म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन की सीमा के तहत आने वाले कल्लुरू में गांव वालों ने चौधेश्वरी उत्सव का आयोजन किया. इसमें गधों की बारात निकाली गई. 

कोरोना की दूसरी लहर में कोरोना संक्रमण के रिकॉर्ड तोड़ मामले दर्ज किए जा रहे है. बढ़ते संक्रमण के मामलों को देखते हुए सभी राज्य सरकारें एहतियाती कदम भी उठा रही है इसी के साथ कई राज्यों में स्टूडेंट्स के स्वास्थ्य का ख्याल रखते हुए बोर्ड परीक्षाएं और विश्वविद्यालय की परीक्षाएं भी रद्द कर दी गई हैं. बीते दिन सीबीएसई ने भी 10वीं की बोर्ड परीक्षा कैंसिल और 12वीं की स्थगित कर दी थीं. इस फेहरिस्त में अब गुजरात राज्य भी शामिल हो गया है. यहां भी बोर्ड की परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं.  
 

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