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अरबपति कारोबारी की 70 बार चाकू घोंपकर नाती ने कर दी हत्या, प्रॉपर्टी को लेकर हुआ था विवाद

हैदराबाद में वेलजन ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज के 86 साल के संस्थापक, वेलामाती चंद्रशेखर जनार्दन राव की उनके ही घर में हत्या कर दी गई. वेलामाती की हत्या का आरोप किसी और पर नहीं बल्कि उनके अपने 29 साल के नाती किलारू कीर्ति तेजा पर है.

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करोड़ों की कंपनी के मालिक को नाती ने 70 बार चाकू गोदकर मार डाला (वेलामाती चंद्रशेखर जनार्दन राव और किलारू कीर्ति)
करोड़ों की कंपनी के मालिक को नाती ने 70 बार चाकू गोदकर मार डाला (वेलामाती चंद्रशेखर जनार्दन राव और किलारू कीर्ति)

तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. वेलजन ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज के 86 साल के संस्थापक, वेलामाती चंद्रशेखर जनार्दन राव की उनके ही घर में हत्या कर दी गई. अरबों के मालिक वेलामाती की हत्या का आरोप किसी और पर नहीं बल्कि उनके अपने 29 साल के नाती किलारू कीर्ति तेजा पर है. 6 फरवरी की रात को सोमाजीगुड़ा में वेलामती के घर पर उनपर 70 से ज्यादा बार चाकू से हमला किया गया.

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संपत्ति बंटवारे को लेकर हुई तीखी बहस

रिपोर्ट्स के मुताबिक संपत्ति बंटवारे को लेकर हुई तीखी बहस के बाद ये हत्या की गई है.तेजा ने कथित तौर पर अपने नाना पर प्रॉपर्टी का ठीक से बंटवारा न करने का आरोप लगाते हुए उनका विरोध किया था. इस विवाद के बाद बहस इतनी बढ़ गई और गुस्से में आकर तेजा ने कथित तौर पर राव पर कई बार चाकू से वार किया. उनके शरीर पर चाकू के कुल 70 घाव थे.

विवाद रोकने में राव की बेटी घायल

झगड़े के दौरान, तेजा की मां और राव की बेटी, सरोजिनी देवी ने हस्तक्षेप करने की कोशिश की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. उन्हें चोटें आईं हैं. उन्हें अस्पताल ले जाया गया और फिलहाल उनका इलाज चल रहा है. तेजा हाल ही में  अमेरिका से अपनी मास्टर डिग्री पूरी करने के बाद हैदराबाद लौटा था.

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कई क्षेत्रों में जनार्दन राव का बड़ा योगदान

वह और उसकी मां अलग-अलग रहते थे लेकिन हमले से पहले दोनों राव के आवास पर ही थे. हमले के बाद अधिकारियों ने तेजा के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है. उसे 8 फरवरी को हिरासत में लिया गया था और पुलिस ने अपराध के बारे में अधिक जानकारी हासिल करने के लिए जांच शुरू कर दी है.

जनार्दन राव एक प्रसिद्ध उद्योगपति थे.उनका शिप बिल्डिंग, एनर्जी और इंडस्ट्रियल एप्लीकेशन सहित कई क्षेत्रों में बड़ा योगदान था.उन्हें एलुरु में सरकारी जनरल अस्पताल और तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम जैसे संस्थानों में उनके धर्मार्थ दान के लिए भी पहचाना गया था.

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