संसद सदस्यता रद्द होने के बाद टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा पहली बार सामने आईं और पार्टी कार्यकर्ताओं को समर्थन देने के लिए धन्यवाद दिया. महुआ ने कहा, आपके सड़क पर उतरकर आवाज उठाने के लिए धन्यवाद देना चाहती हूं. महुआ ने अपने लोकसभा क्षेत्र के वोटर्स से कहा, मैं आपकी बेटी हूं और आपके साथ ही रहूंगी.
बता दें कि महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के आरोप लगे थे. जांच के बाद एथिक्स कमेटी ने अपनी रिपोर्ट स्पीकर को सौंपी थी. शुक्रवार को महुआ की संसद सदस्यता रद्द करने का फैसला लिया गया. महुआ पर अपने दोस्त हीरानंदानी को संसद की लॉगइन आईडी और पासवर्ड शेयर करने का भी आरोप है. एथिक्स कमेटी ने इन आरोपों को सही बताया है. एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट पर संसद में चर्चा हुई, उसके बाद निष्कासन का प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित हो गया. स्पीकर ओम बिरला ने कहा था, यह सदन कमेटी के निष्कर्ष को स्वीकार करता है कि सांसद महुआ मोइत्रा का आचरण एक सांसद के रूप में अनैतिक और अशोभनीय था. इसलिए उनका सांसद बने रहना उचित नहीं है. हालांकि, महुआ ने आरोपों को गलत बताया था.
'मैं आप सभी को धन्यवाद देना चाहती'
अब महुआ का एक वीडियो सामने आया है. इसमें उन्होंने कहा, मैं महुआ मोइत्रा बोल रही हूं. मैं कृष्णा नगर के सभी निवासियों को, तृणमूल कांग्रेस के सभी मेंबर्स को, ब्लॉक प्रेसिडेंट को धन्यवाद देना चाहती हूं, जिन्होंने पिछले दिनों में मेरा साथ दिया. मेरे लिए सड़क पर उतरे और आवाज मुखर की. सभी को अंतर्मन से धन्यवाद.
'जब तक आप मुझे अपने साथ रखेंगे...'
उन्होंने आगे कहा, मैं आपकी ही बेटी हूं. आपकी ही मिट्टी से हूं. मैं आपको बताना चाहती हूं कि मैं आपके साथ ही रहूंगी. आज और कल... जब तक आप मुझे अपने साथ रखना चाहेंगे. थैंक्यू, ये लड़ाई हम जीतने उतरे हैं- मैदान नहीं छोड़ेंगे. आप लोग बस मेरा साथ दीजिए.
लोकसभा के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
बताते चलें कि शुक्रवार को टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा ने लोकसभा सदस्यता रद्द करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. इस पूरे मामले की शुरुआत बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के आरोपों से हुई. निशिकांत ने पिछले दिनों टीएमसी की महुआ मोइत्रा पर संसद में सवाल पूछने के लिए रियल स्टेट कारोबारी हीरानंदानी से रिश्वत लेने का आरोप लगाया था. निशिकांत दुबे ने ये आरोप महुआ के पूर्व दोस्त जय अनंत देहाद्रई की शिकायत के आधार पर लगाए. निशिकांत की शिकायत पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कमेटी का गठन किया. निशिकांत दुबे ने बिरला को लिखे लेटर में गंभीर 'विशेषाधिकार के उल्लंघन' और 'सदन की अवमानना' का मामला बताया था.
कमेटी ने सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की थी
कमेटी ने महुआ मोइत्रा, निशिकांत दुबे समेत कई लोगों के बयान दर्ज किए थे. विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली समिति ने 9 नवंबर को एक बैठक में 'कैश-फॉर-क्वेरी' के आरोप पर महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द करने की सिफारिश करते हुए अपनी रिपोर्ट तैयार की थी. कमेटी के 6 सदस्यों ने रिपोर्ट के पक्ष में मतदान किया था. इनमें कांग्रेस सांसद परनीत कौर भी शामिल थीं, जिन्हें पहले पार्टी से निलंबित कर दिया गया था.