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सुखोई विमान की ताकत देखेगी जापानी वायुसेना, 12 जनवरी से संयुक्त अभ्यास करेगी IAF

भारत और जापान के बीच वायु रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है. जल्द ही जापान में संयुक्त वायु अभ्यास, 'वीर गार्जियन-2023' आयोजित होने जा रहा है. इसके लिए भारतीय वायु सेना और जापान एयर सेल्फ डिफेंस फोर्स (JASDF) पूरी तरह तैयार हैं. जापान के हयाकुरी एयर बेस में 12 से जनवरी से 26 जनवरी तक हवाई अभ्यास होगा.

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भारतीय वायुसेना संयुक्त अभ्यास के लिए पूरी तरह तैयार है.
भारतीय वायुसेना संयुक्त अभ्यास के लिए पूरी तरह तैयार है.

भारतीय वायु सेना (IAF) और जापान एयर सेल्फ डिफेंस फोर्स (JASDF) के बीच जल्द ही संयुक्त अभ्यास शुरू होने जा रहा है. दोनों देश 12 जनवरी से 26 जनवरी तक जापान के हयाकुरी एयर बेस में अपने शौर्य का प्रदर्शन करेंगे. वायु सेना की तरफ से बताया गया कि दोनों देशों के बीच वायु रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए 'वीर गार्जियन-2023' आयोजित किया जा रहा है. इसे लेकर हम पूरी तरह तैयार हैं. भारतीय वायुसेना का सबसे ताकतवर विमान सुखोई भी इस हवाई अभ्यास का हिस्सा होगा. भारतीय दल में चार सुखोई-30 MKI, दो C-17 और एक IL-78 विमान शामिल होंगे. जबकि जापान के JASDF में चार F-2 और चार F-15 हवाई जहाज हिस्सा लेंगे.
 
बता दें कि जापान के टोक्यो में 8 सितंबर 2022 को आयोजित दूसरी 2+2 विदेश और रक्षा मंत्री स्तरीय बैठक में भारत और जापान द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को बढ़ाने और ज्यादा सैन्य अभ्यासों में शामिल होने पर सहमति जताई गई थी. इसमें पहला संयुक्त लड़ाकू जेट अभ्यास शामिल है, जो दोनों पक्षों के बीच सुरक्षा सहयोग की बढ़ती हुई स्थिति को दर्शाता है. ये अभ्यास दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंधों को गहरा करने और रक्षा सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक और कदम माना जा रहा है.

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वायु सेना


 
उद्घाटन सत्र में दोनों देशों की वायु सेनाओं के बीच विभिन्न हवाई युद्ध अभ्यास शामिल होंगे. वे एक जटिल वातावरण में मल्टी-डोमेन हवाई युद्ध मिशन करेंगे. दोनों देशों के एक्सपर्ट विभिन्न परिचालन पहलुओं पर अपनी राय साझा करेंगे और चर्चा करेंगे. अभ्यास 'वीर गार्जियन' दोस्ती के लंबे समय से चले आ रहे बंधन को मजबूत करेगा और दोनों वायु सेनाओं के बीच रक्षा सहयोग के रास्ते बढ़ाएगा.

वायु सेना

जानिए सुखोई की ताकत

सुखोई-30एमकेआई रूस के सुखोई-27 का एडवांस्ड वर्जन है. इंडियन एयरफोर्स के पास 272 सुखोई-30 एमकेआई हैं. तेजपुर एयरफोर्स स्टेशन पर 2009 से ये तैनात हैं. सुखोई की लंबाई 72 फीट है. विंगस्पैन 48.3 फीट है. ऊंचाई 20.10 फीट है. इसका वजन 18,400 KG है. इसमें लीयुल्का एल-31एफपी आफ्टरबर्निंग टर्बोफैन इंजन लगे हैं, जो उसे 123 किलोन्यूटन की ताकत देता है. इस इंजन और अपनी एयरोडायनेमिक बनावट की बदौलत फाइटर जेट 2120 किमी प्रतिघंटा की स्पीड से उड़ता है. इसकी रेंज भी 3000 किलोमीटर है. बीच रास्ते में ईंधन मिल जाए तो यह 8000 किलोमीटर तक जा सकता है. यह करीब 57 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है. 

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सुखोई-30एमकेआई में 30mm की एक ग्रिजेव-शिपुनोव ऑटोकैनन लगी है. जो एक मिनट में 150 राउंड फायर करती है. यानी दुश्मन का विमान, ड्रोन या हेलिकॉप्टर बच नहीं सकते. इसमें 12 हार्ड प्वाइंट्स लगे हैं. यानी वो जगह जहां पर हथियार लगाया जाता है. इसमें 4 तरह के रॉकेट्स लगा सकते हैं. चार तरह की मिसाइल और 10 तरह के बम लग सकते हैं. या फिर इन सबका मिश्रण लगाया जा सकता है.

sukhoi

सुखोई-30एमकेआई के हार्डप्वाइंट्स में हथियारों को दागने की सुविधा ज्यादा है. अगर मल्टीपल रैक्स लगाए जाएं तो इसमें 14 हथियार लगा सकते हैं. यह कुल 8130 KG वजन का हथियार उठा सकता है. इस फाइटर जेट में ब्रह्मोस मिसाइलें भी तैनात हो सकती हैं. चीन भी जानता है कि ब्रह्मोस मिसाइल कितनी घातक और तेज है. अगर भारत ने ब्रह्मोस से हमला किया तो चीन को बचाव का मौका भी नहीं मिलेगा. 

सुखोई में लगने वाली ब्रह्मोस मिसाइल की रेंज 500 किलोमीटर है. भविष्य में ब्रह्मोस मिसाइलों को मिकोयान मिग-29के, हल्के लड़ाकू विमान तेजस और राफेल में भी तैनात करने की योजना है. इसके अलावा पनडुब्बियों में लगाने के लिए ब्रह्मोस के नए वैरिएंट का निर्माण जारी है. अगले साल तक इन फाइटर जेट्स में ब्रह्मोस मिसाइलों को तैनात करने की तैयारी पूरी होने की संभावना है.

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