अफगानिस्तान में तालिबानी युग की वापसी हो गई है. ऐसे में अफगानिस्तान के हजारों लोग दूसरे देशों में भागकर शरण लेने की कोशिश में जुट गए हैं. वहीं, भारत, अमेरिका समेत अन्य देशों ने भी अपने लोगों को वापस बुलाना शुरू कर दिया है.
अफगानिस्तान में फंसे भारतीय लोगों को एयरलिफ्ट करने की कोशिशें जारी हैं. बताया जा रहा है कि भारत के करीब 500 अफसर और सिक्योरिटी से जुड़ा स्टाफ यहां फंसा है.
काबुल एयरपोर्ट पर अफरा तफरी मची थी. हालांकि, अमेरिकी सुरक्षाबलों ने यहां पर काबू पाया, इसके बाद यहां से दूसरे देशों के लिए विमान जा रहे हैं.
दिल्ली में हुई हाई लेवल मीटिंग
इससे पहले दिल्ली में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई. इसमें भारतीय दूतावास और वहां रह रहे कर्मचारियों के विकल्पों और भविष्य की कार्रवाई पर चर्चा हुई. उधर, भारतीय दल अफगानिस्तान में मौजूद अधिकारियों से बात कर रहे हैं, ताकि वे भारत के लिए उड़ान भरने के लिए एयरपोर्ट आ सकें.
अपने नागरिकों को बाहर निकाल रहे दूसरे देश
अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, न्यूजीलैंड समेत अन्य देश भी अफगानिस्तान से अपने लोगों को निकालने में जुटे हैं. काबुल एयरपोर्ट पर कई देशों की सेना मौजूद है, जो अपने नागरिकों को निकालने के लिए आई है. अमेरिका ने हाल ही में अपने लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए 5000 सैनिकों को भेजने का फैसला किया है.
भारत ने अफगानिस्तान के लिए फ्लाइटें की रद्द
काबुल एयरपोर्ट पर गंभीर होते हालात और एयरस्पेस की बेकाबू स्थिति के कारण सभी उड़ानों को रद्द कर दिया गया. काबुल में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए दोपहर 12.30 बजे एयर इंडिया की एक फ्लाइट जानी थी, लेकिन इस वक्त के हालात को देखते हुए उड़ान को रद्द कर दिया गया है.
इतना ही नहीं भारत ने अफगानिस्तान के एयरस्पेस का इस्तेमाल भी रोक दिया है. अमेरिका-दिल्ली के बीच एयरइंडिया की फ्लाइट जो उड़ान भर रही हैं, वह अब अलग रूट का इस्तेमाल करेंगी. ये फ्लाइट कतर और यूएई से दिल्ली आएंगी.