राजस्थान के बाड़मेर में गुरुवार को भारतीय एयरफोर्स का मिग 21 ट्रैनिंग एयरक्रॉफ्ट क्रैश हो गया. इस हादसे में एयरफोर्स के 2 पायलट शहीद हो गए. इस हादसे के बाद Mig 21 की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े होने लगे हैं. बीजेपी के सांसद वरुण गांधी ने तो इसे 'उड़ता ताबूत' तक कह दिया. अब एयरफोर्स ने भी मिग 21 को 2025 तक बेड़े से बाहर करने का फैसला कर लिया है.
दरअसल, 1960 से भारतीय एयरफोर्स रूसी विमान मिग 21 का इस्तेमाल कर रही है. लेकिन इसकी सुरक्षा को लेकर लगातार सवाल होते रहे हैं. 62 साल के इतिहास में मिग 21 के क्रैश होने की 200 घटनाएं हो चुकी हैं. इतना ही नहीं पिछले 5 साल में भारत में एयरक्रॉफ्ट और हेलिकॉप्टर क्रैश में 42 जवान भी शहीद हुए हैं.
200 पायलटों की जान ले चुका MiG-21- वरुण गांधी
बाड़मेर में विमान क्रैश होने के बाद मिग 21 एक बार फिर चर्चा में है. बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने ट्वीट कर कहा, कल बाड़मेर में हुई घटना से पूरा देश स्तब्ध व शोकाकुल है! कुछ सालों से MiG-21 लगातार हादसों का शिकार हो रहा है. यह अकेला लगभग 200 पायलटों की जान ले चुका है. आखिर यह 'उड़ता ताबूत' कब हमारे बेड़े से हटेगा? देश की संसद को सोचना होगा, क्या हम अपने बच्चों को यह विमान उड़ाने देंगे?
MiG-21 को लेकर एयर फोर्स का क्या है प्लान?
MiG-21 क्रैश की हाल की घटनाओं को देखते हुए एयरफोर्स ने इसे अपने बेड़े से हटाने का फैसला कर लिया है. बताया जा रहा है कि एयरफोर्स 30 सितंबर तक मिग 21 बाइसन की एक स्क्वाड्रन को हटाने जा रहा है. एयर फोर्स के सूत्रों ने बताया कि श्रीनगर स्थित मिग 21 की 51 स्क्वाड्रन को 30 सितंबर को रिटायर कर दिया जाएगा. इसके बाद देश में इस एयरक्रॉफ्ट की तीन स्क्वाड्रन रह जाएंगी. इन्हें भी चरणबद्ध तरीके से 2025 तक बाहर करने की योजना है.
एयरफोर्स के मुताबिक, हर साल मिग 21 की एक स्क्वाड्रन को रिटायर किया जाएगा. 51 स्क्वाड्रन 27 फरवरी 2019 को चर्चा में आई थी. जब अभिनंदन वर्धमान ने मिग 21 विमान को उड़ाते हुए पाकिस्तान का एक एफ-16 विमान मार गिराया था. यह पहला मौका था, जब मिग 21 ने एफ-16 को मार गिराया था.
एयरफोर्स के बेडे़ में मिग 21 की जगह सुखोई 30 लेंगे. पिछले 20 महीने में 6 मिग 21 क्रैश हुए हैं. इनमें 5 पायलट शहीद हुए हैं. मिग 21 को काफी पहले रिटायर किया जाना था. लेकिन एलसीए तेजस को शामिल करने में देरी के चलते एयरफोर्स को इनका इस्तेमाल करना पड़ रहा है.